हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र,15 फरवरी :- सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री दुखभंजन महादेव मंदिर में माघ मास के उपलक्ष्य में करवायी जा रही श्रीमद्भागवत कथा में कथाव्यास शुकदेव आचार्य ने गौवर्धन पूजा प्रसंग विस्तार से सुनाया।मुख्य यजमानों जय कुमार शर्मा,अरुण शर्मा व वरुण शर्मा परिवार ने सर्वदेव एवं भागवत पूजन करके दीप प्रज्ज्वलित किया।कथा में गौवर्धन पर्वत की कृत्रिम आकृति झांकी के माध्यम से दर्शाई गई।भगवान श्री कृष्ण को 56 भोग लगाए गए। प्रवचनों में शुकदेव आचार्य ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने पृथ्वी पर धर्म और सत्य की पुन: स्थापना हेतु द्वापर युग में अवतार लिया। इसी उद्देश्य को पूरा करते हुए उन्होने बाल्य अवस्था में ही कालीय नाग का मर्दन करके यमुना जी को पवित्र किया, पूतना एवं बकासुर आदि मायावी शक्तियों का अंत किया। बृज भूमि में आतंक के पर्यायी कंस मामा का वध करके अपने माता-पिता देवकी – वसुदेव और नाना महाराज उग्रसेन को कारागार से मुक्त कराया।गौवर्धन पूजा में प्रकृति की पूजा का उल्लेख किया गया। गायकों द्वारा सुनाए गए भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।भागवत आरती में आचार्य विनोद मिश्र, ज्ञानचंद शर्मा, जगन्नाथ शर्मा, वीरभान शर्मा,प्रेम मदान, अजय ठाकुर, विजय ठाकुर, अनुराधा पाठक,सुषमा शर्मा व कुसुम गान्धी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
भागवत पूजन में हिस्सा लेते यजमान।