कृषि आंदोलन: सरकार एवं किसान नेताओं की आपसी 8वीं मीटिंग पर समाधान हेतु लोगों की टिकी नजरें
कृषि विरोधी कानून रद्द नहीं होने से : जनता का गुस्सा सातवें आसमान पर
👉 8वीं मीटिंग पर : जनता को हैं काफी उमीदें
👉जनता में छाई हुई मायूसी
👉 रोष प्रदर्शन/संघर्ष तीव्र होने के आसार
👉किसान संगठन ट्रैक्टर मार्च के माध्यम से कर रहे हैं: शक्ति प्रदर्शन।
👉 जनजीवन एवं अर्थव्यवस्था हो रही प्रभावित।
👉 कहीं कहीं टावरों के कनैकशन काटने से मोबाइल सेवाएँ हो रहीं ठप :बच्चों की आनलाईन पढाई गंभीर रूप से प्रभावित
👉 आंदोलन के कारण लोग हुए: कारोना महांमारी से बेखौफ
👉 कृषि कानूनों का शीघ्र हो समाधान
मोगा : [कैप्टन सुभाष चंद्र शर्मा] :=
👉कृषि विरोधी आंदोलन के समाधान हेतु सरकार एवं किसान नेताओं के बीच 07 मीटिंगों में बातचीत के माध्यम से कोई हल नहीं निकला। 8वीं मीटिंग पर जनता को काफी उमीदें हैं कि शायद कोई समाधान निकले। परंतु पिछली मीटिंगे बेनतीजा रहने के कारण जनता काफी हिताश है एवं उनका गुस्सा सातवें आसमान पर नजर आ रहा है। सभी वर्ग अलग अलग तरीके से रोष प्रदर्शन एवं सघर्ष कर रहे हैं। इस प्रकार जन जीवन अस्त व्यस्त सा महसूस हो रहा है। गांवों,कस्बों एवं शहरों में बस किसान आंदोलन के बारे ही चर्चाएँ चल रही हैं। लोगों की मान्यता है कि शीघ्र ही कृषि विरोधी कानून को रद्द होने चाहिए जो कि उनके भले हेतु नहीं है। इस प्रकार लोग काफी निराश महसूस कर रहे हैं। प्रदेश में कहीं कहीं टावरों के कनैकशन काटने के कारण मोबाइल सेवाएँ ढप होने से बच्चों की आनलाईन पढाई काफी प्रभावित हो रही है।आंदोलन के कारण लोग कारोना महांमारी से भी बेखौफ नजर आ रहें हैं। बुद्धिजीवी वर्ग के मतानुसार यदि बातचीत के माध्यम से शीघ्र ही उक्त समस्या का समाधान शीघ्र होना अति अनिवार्य है।