हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 17 फरवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के बायोकैमिस्ट्री विभाग में गुरूवार को आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सीवी रमन के विज्ञान में योगदान को लेकर पांच दिवसीय ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला का शुभारम्भ हुआ। बायोकैमिस्ट्री विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर रंजन गुप्ता ने बताया कि यह श्रृंखला सर सीवी रमन के विज्ञान में योगदान का पुण्य स्मरण करने और समाज में विज्ञान की भूमिका को दर्शाने के लिए आयोजित की गई है। विभागाध्यक्षा प्रो. रंजन गुप्ता ने श्रृंखला के पहले दिन प्रतिभागियों का स्वागत किया और कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेसर मंजूला चौधरी, डीन लाइफ साइंसेज प्रो. स्मिता चौधरी और डीवाईसीए का सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
ऑनलाइन व्याख्यान श्रृंखला के पहले दिन डॉ. परवीन बंसल, संयुक्त निदेशक, यूनिवर्सिटी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन रिसर्च, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज ने इंटीग्रेशन ऑफ़ आयुर्वेदा तथा थ्योरिस फॉर हेल्थ रिसर्च पर व्याख्यान दिया। डॉ. परवीन ने प्राचीन और आधुनिक चिकित्सा के एकीकरण की व्याख्या की, जो वर्तमान की चिकित्सा अनुसंधान में एक साथ मिश्रित है। उन्होंने आयुर्वेद की सबसे पुरानी परंपराओं और सिद्धांतों को फिज़िओलॉजी और चिकित्सा में पुरस्कृत लोगो के शोध के साथ जोड़कर अपने विचारों को प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद पद्धति में विभिन्न प्रकार की मसालों का प्रयोग भी किया जाता है। भारत को मसालों का घर कहा जाता है। विश्व भर में 80 प्रकार के मसालों की पैदावार होती है जबकि अकेले भारत में 50 प्रकार के मसाले होते हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. रंजन गुप्ता ने बताया कि श्रृंखला का दूसरा व्याख्यान 19 फरवरी को आयोजित होगा।