स्काउट गाइड ने चिन्तन दिवस को एडवोकेसी चैंपियन प्लास्टिक टाइड टर्नर हीरो स्तर (प्लास्टिक बहिष्कार) के रूप में मनाया
फारबिसगंज (अररिया)
बिहार राज्य भारत स्काउट और गाइड अनुमंडल फारबिसगंज में स्काउटिंग-गाइडिंग के जन्मदाता की जयंती चिंतन दिवस 2022 के थीम एडवोकेसी चैंपियन प्लास्टिक टाइड टर्नर हीरो स्तर (प्लास्टिक बहिष्कार) के रूप में जिला संगठन आयुक्त बैजनाथ प्रसाद के नेतृत्व में समारोहपूर्वक मनाया गया। जन्मदाता के तैलीय चित्र पर उपस्थित स्काउट- गाइडों व पदाधिकारियों के द्वारा पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। चिंतन दिवस के संदर्भ में जिला संगठन आयुक्त बैजनाथ प्रसाद साह ने बताया कि स्काउटिंग- गाइडिंग के जन्मदाता लॉर्ड रॉबर्ट स्टीफेसन स्मिथ बेडेन पावेल का जन्म 22 फरवरी 1857 को हुआ था और उनकी पत्नी मिसेज ओलेव बेडेन पावेल का जन्म 22 फरवरी 1889 को हुआ था! 22 फरवरी एक ही दिन पति- पत्नी के जन्मदिवस के संयोग को स्काउटिंग में चिंतन दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस बार इस दिवस को एडवोकेसी चैंपियन प्लास्टिक टाइड टर्नर हीरो स्तर (प्लास्टिक बहिष्कार) के रुप मे मनाया जा रहा है। हरिपुर में स्काउट ने दुकानदारों के पास जा कर एकल प्रयोग प्लास्टिक का प्रयोग न करने हेतु जागरूक किया। साथ ही स्काउट ओर गाइड दरवाजा खटखटाकर प्लास्टिक हटाओ का नारा देते हुए जागरूक किया । उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, अमौना के छात्र छात्राओं को प्लास्टिक प्रयोग नही करने और 2025 तक भारत को प्लास्टिक मुक्त राष्ट्र बनाने हेतु शपथ दिलवाया। जिला संगठन आयुक्त ने प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में बताते हुए कहा कि एकल यूज प्लास्टिक सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए काफी नुकसानदायक है इसके बनने से लेकर इस्तेमाल होने तक काफी बुरा प्रभाव छोड़ता है इसका निर्माण पेट्रोलियम से प्राप्त रसायनों से होता है इससे निकलने वाली जहरीली गैस सेहत के लिए नुकसानदायक है एवं पानी को प्रदूषित करता है । भारत में एकल प्रयोग प्लास्टिक को 2025 तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है । विश्व भर में प्रतिवर्ष 50000 करोड़ प्लास्टिक के थैले का प्रयोग किया जाता है और प्रतिवर्ष कम से कम 8000000 टन प्लास्टिक समुंदर में पहुंच जाती है जिसका दुष्प्रभाव जलीय जीव पर पड़ता है । हमारे द्वारा प्लास्टिक के कुल उपयोग में से 50% केवल एकल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग हम करते हैं जिस पर रोक लगाना हम सभी के लिए आवश्यक है ताकि मानव जीवन के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा की जा सके। इस मौके पर स्काउट मास्टर अब्दुल मतीन, दीपक कुमार ठाकुर , अभिनव कुमार झा, दिवाकर कुमार, मेहंदी हुसैन , मो खुश आलम , मो सब्दुल, रेहान, अलताब, मधुमाला कुमारी, सपना कुमारी का सक्रिय सहयोग रहा।