आवारा पशुओं से किसान परेशान नहीं हुआ कोई समाधान
सौरिख विधानसभा चुनावों में आवारा पशुओं का मुद्दा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है सरकार ने आवारा पशुओं के लिए गांव गांव स्थाई और अस्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया। उसके बाबजूद खेतों में सड़कों पर आवारा पशुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और लोगों को आवारा पशुओं से निजात मिलती नहीं दिख रही है।
सरकार के गौशालाओं के निर्माण और रखरखाव पर करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी प्रदेश के विधानसभा चुनावों में आवारा पशुओं का मुद्दा छाया हुआ है।इन आवारा पशुओं से किसानों की खड़ी फसल तो बर्बाद हो ही रही है दुर्घटनाएं भी बढ़ी है।
*टैग लगे पशु भी बड़ी संख्या में खेतों और सड़कों पर
सरकार ने पशुओं की जानकारी रखने के लिए इनकी टैगिंग भी कराई ताकि उसके मालिक का पता लगाया जा सके।उसके बाबजूद खेतों और सड़कों पर बड़ी संख्या में आवारा पशु घूम रहे हैं और टैगिंग के बाबजूद इनकी निगरानी नहीं हो पा रही है।इस बारे में पशु चिकित्साधिकारी डाक्टर मोहन सिंह से फोन पर सम्पर्क किया तो फोन रिसीव नहीं हुआ।