देहरादून: उत्तराखंड रोडवेज में अब समय से दफ्तर न आने और समय से पहले दफ्तर छोड़ने वालों पर कार्रवाई के आदेश दे दिए गए हैं। महाप्रबंधक संचालन दीपक जैन की ओर से आदेश दिया गया है कि जो अधिकारी और कर्मचारी समय का अनुपालन नहीं कर रहे, उनका दूसरे मंडल में तबादला कर दिया जाए। तैनाती स्थल से दूर से आने वाले कार्मिकों को खास तौर पर चेतावनी दी गई है।
रोडवेज में बड़ी संख्या में ऐसे अधिकारी और कर्मचारी हैं, जो अपने तैनाती स्थल से दूर रहते हैं। महाप्रबंधक संचालन ने बताया कि ऐसे अधिकारी व कर्मचारी न तो दफ्तर समय पर आते हैं, न पूरे समय तक दफ्तर में रहते हैं। ये रोजाना निगम की बसों में ही अप-डाउन करते हैं। बस सेवा के अनुसार सुबह घर से चलते हैं और शाम को दफ्तर भी जल्दी छोड़ देते हैं। महाप्रबंधक ने कहा कि यह अनुशासनहीनता और विधिक दृष्टि से गलत तो है, बल्कि अधिकारी-कर्मचारी आचरण नियमावली के विरुद्ध भी है। यदि बड़े अधिकारी या प्रशासनिक कार्यालयों के कर्मचारी ही समय का पालन नहीं करेंगे तो इससे निचले कर्मचारियों पर भी बुरा असर पड़ता है। बस संचालन भी इससे प्रभावित हो रहा है।
महाप्रबंधक ने तीनों मंडलों और सभी डिपो के लिए जारी किए गए आदेश में चेतावनी दी है कि अगर भविष्य में कोई कोई अधिकारी या कर्मचारी समय से ड्यूटी पर मौजूद नहीं होता तो उसका दूसरे मंडल में तबादला कर दिया जाए। इसके साथ ही बिना अनुमति कोई भी अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ पाएगा। वहीं, रोडवेज के समस्त कर्मचारी संगठनों से भी अनुरोध किया गया है कि आपसी गुटबाजी व हड़ताल-प्रदर्शन आदि को छोड़कर निगम हित में कार्य करते हुए बसों का संचालन सुधारा जाए।
रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का आंदोलन जारी
दो माह के वेतन भुगतान, एसीपी मामले में वेतन से कटौती पर रोक एवं अन्य मांगों को लेकर रोजाना एक घंटे कार्य बहिष्कार कर रहे रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद का आंदोलन बुधवार को आठवें दिन भी जारी रहा। प्रदेश की सभी कार्यशाला व डिपो में एक घंटे कार्य बहिष्कार कर नारेबाजी करते हुए परिषद के सदस्यों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती आंदोलन जारी रहेगा।
परिवहन निगम के आरएम-एजीएम करेंगे बस की चेकिंग
वहीं रोडवेज के मंडल प्रबंधक (आरएम) व सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधक (एजीएम) दफ्तरों में बैठने के साथ ही अब मार्गों पर दौड़ रही बसों की चेकिंग भी करेंगे। बेटिकट मामलों पर अंकुश लगाने के लिए निगम की प्रबंध निदेशक रंजना राजगुरू ने हर सप्ताह रोस्टर के हिसाब से अधिकारियों से चेकिंग कराने के आदेश दिए हैं। अधिकारी खुद बसों की चेकिंग करने के साथ-साथ मार्गों पर तैनात प्रवर्तन टीमों की कार्रवाई की जांच पड़ताल भी करेंगे। प्रबंध निदेशक ने आदेश दिए हैं कि इसकी रिपोर्ट हर माह के पहले हफ्ते में सीधे उन्हें सौंपी जाएगी।
प्रबंध निदेशक ने मुख्यालय में प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा की। जिसमें पाया गया कि कुछ प्रवर्तन अधिकारी अपना काम पारदर्शिता के साथ नहीं कर रहे। यही नहीं, जांच में पाया गया कि कुछ ऐसे भी प्रवर्तन अधिकारी हैं, जो लंबे समय से बस चेकिंग के लिए मार्गों पर जा ही नहीं रहे हैं। प्रबंध निदेशक ने इस पर नाराजगी जताई व कहा कि कोरोना काल के कारण रोडवेज पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रहा है। ऐसे में बस चेकिंग न होने से बेटिकट मामलों की शिकायतें बढ़ रही हैं। प्रबंध निदेशक ने नई व्यवस्था के तहत अब अधिकारियों को भी बसों की चेकिंग का आदेश दिया।
अधिकारियों के लिए आदेश
-रोडवेज मुख्यालय के सभी महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक और सहायक महाप्रबंधक हफ्ते में एक दिन मार्गों पर चेकिंग करेंगे।
-तीनों मंडल के प्रबंधक और सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधक हफ्ते में दो दिन मार्गों पर बसों की चेकिंग करेंगे।
-सहायक महाप्रबंधक हफ्ते में एक बार रात्रि चेकिंग भी करेंगे।
-हर अधिकारी को न्यूनतम दस बसों की चेकिंग करना अनिवार्य किया गया है।
-चेकिंग के दौरान मार्ग पर तैनात प्रवर्तन कार्मिक की उपस्थिति के साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि उसने कितनी बसों की चेकिंग की।
-अनाधिकृत ढाबों व मार्गों पर खड़ी बसों की चेकिंग भी की जाएगी,
अनुबंधित ढाबों का औचक निरीक्षण भी किया जाएगा।
-मंडल प्रबंधक यह भी देखेंगे कि एक दिन में दो सहायक महाप्रबंधक एक साथ चेकिंग न करें।
-सभी अधिकारी अपने कोड के अनुसार ही बसों की चेकिंग करेंगे।