डेयरी फार्मिंग तीन दिवसीय प्रशिक्षण मे कृषि व पशुओं पर दी जानकारी
✍️ प्रशांत त्रिवेदी
कन्नौज ।लाभदायक डेयरी फार्मिंग एवं पशुधन प्रबंधन पर कृषकों में क्षमता वर्धन कार्यक्रम योजना के अंतर्गत डेयरी फार्मिंग पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण मे वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ वीके कनौजिया की अध्यक्षता में प्रारंभ किया गया। जिसमें पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्र केश राय, विनोद कुमार वैज्ञानिक सस्य विज्ञान, अमरेन्द्र यादव वैज्ञानिक कृषि मौसम विज्ञान, एवं जनपद के अलग-अलग ग्राम स्तर से स्थान से आए हुए कृषक संदीप कुमार राहुल सिंह एवं अन्य कृषक बंधु मौजूद रहे।कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ वी के कनौजिया ने बताया कि प्रति व्यक्ति जोत की आकार कम होता जा रहा है। इसलिए पशुपालन एवं डेयरी फार्मिंग योजना के अंतर्गत किसान अपने आप को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने में यह प्रशिक्षण मददगार साबित होगा।प्रशिक्षण की प्रथम दिवस में डेयरी एवं पशुपालन से संबंधित विभिन्न घटकों के बारे में बताया गया । जिसमें यह बताया गया कि पशुओं के लिए अलग-अलग प्रकार के राशन होते हैं १. जीवन निर्वाह राशन २. उत्पादन राशन तथा ३.गर्भकाल राशन । जीवन निर्वाह राशन गाय के लिए 1.25 किलोग्राम दाना प्रति दिन तथा भैंस के लिए 2.0 किलोग्राम दूध पर 1 किलोग्राम दाना मिश्रण प्रति दिन के रूप में सुनिश्चित करना चाहिए। उत्पादन राशन के रूप में गाय के 3 लीटर दूध पर 1 किलो अतिरिक्त दाना तथा भैंस के लिए 2.5 लीटर दूध उत्पादन पर 1 किलो दाना प्रोडक्शन राशन के रूप में पशुओं को देना चाहिए। गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास हेतु गाय को एक किलोग्राम अतिरिक्त राशन तथा भैंस के लिए 1.25 किलोग्राम राशन देना चाहिए। पशु को दो तिहाई भाग मोटे चारे तथा एक तिहाई भाग दाना का मिश्रण देना चाहिए। डॉक्टर राय ने पशुपालन से उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर के बारे में विस्तृत जानकारी दिया, जिसे प्रशिक्षणार्थियों ने अपने लिए महत्वपूर्ण बताया।