जांजगीर-चांपा 09/03/2022/ जिला जांजगीर-चांपा में सी-मार्ट खोले जाने की तैयारी शुरू हो गई है। कचहरी चौक के पास पुराना जनपद पंचायत ऑफिस में जगह का चिन्हांकन किया गया है। जिसमें सी-मार्ट के माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा छोटे-बड़े सभी उत्पादकों को एक छत के नीचे लाया जाएगा। इससे जिले के स्व सहायता समूहों को बेहतर आजीविका का साधन तैयार होगा और वे स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो सकेंगी। मंगलवार को जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर ने इसी तारतम्य में जिला पंचायत सभाकक्ष में जिले के प्रत्येक जनपद पंचायत की महिला स्व सहायता समूहों से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि जिले में 10 हजार 477 स्व सहायता समूह संचालित है, जो छोटी-बड़ी गतिविधियों से जुड़े हुए हैं। सुराजी गांव के तहत जैसे गोठानों से वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है और महिलाओं को गांव में ही रोजगार मिल रहा है, ऐसा ही रोजगार उन्हें शहरों में भी मिले और वे गांव में बनाये उत्पादों का बेहतर तरीके से विक्रय कर सकें। इसके लिए सी-मार्ट के खोलने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को जिपं सीईओ ने कहा कि स्व सहायता समूहों द्वारा निर्मित पारंपरिक उत्पादकों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले में मसाला उद्योग से बहुत से समूह जुड़े हुए हैं। इसके अलावा सैनेटरी पैड का निर्माण भी समूहों के द्वारा किया जा रहा है, जिनका उपयोग स्कूलों, छात्रावास, अस्पतालों में किया जाएगा। इसके अलावा फाइल पैड, कवर पेड भी समूहों द्वारा बनाए जा रहे हैं, जिनका उपयागे सरकारी दफ्तरों में किया जाएगा।
खाद को होगा विक्रय
जिले में गोठान के माध्यम से मल्टी एक्टिविटी सेंटर तैयार किये जा रहे हैं, ताकि एक ही जगह पर सभी समूहों को उचित स्थान मिल सके। गोठान में समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट, डी-कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है, जिसे फसलों के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद को शहरों तक आसानी से पहुंचाने के लिए सी-मार्ट उचित स्थान होगा, जिसमें शहरी लोगों के लिए जैविक खाद आसानी से मिल सकेगी। गोठानों में मुर्गीपालन से जो अंड़े प्राप्त होंगे उन्हें एक स्थान पर लाकर बेचने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा मुनगा भी लगाए जा रहे है, जिसका उपयोग आंगनबाड़ी केन्द्रों में किया जाएगा।
देश-विदेश तक कोसा की पहचान
जिला में कोसा के कपड़े का बेहतर कारोबार है, बहुत सी समूह की महिलाएं कोसा से कपड़े बनाने का कार्य भी करती हैं, जिसकी मांग जिले से लेकर राज्य और देश-विदेशों में भी है। इसलिए इसको बढ़ावा देने के लिए सी-मार्ट उचित स्थान बनेगा। इसके अलावा केले से कपड़े बनाने का कार्य भी जिले में कुछ समूहों के द्वारा किया जा रहा है, जिसकी पहचान धीरे-धीरे बढ़ रही है।