उत्तरांखड विधानसभा चुनाव में इतनी महिलाएं जीतकर पहुची विधानसभा,

देहरादून: उत्तराखंड के पांचवें विधानसभा चुनाव में जनता का फैसला आ चुका है। खास बात यह है कि राज्य आंदोलन से लेकर रोजमर्रा के जीवन में चुनौतियों को पछाड़ती आई उत्तराखंड की मातृशक्ति की इस बार सदन में ताकत बढ़ी है। इस बार सर्वाधिक आठ महिलाएं जीतकर विधानसभा पहुंची हैं। इनमें छह महिलाओं ने भाजपा के टिकट पर जीत का परचम फहराया है, जबकि कांग्रेस की दो महिला प्रत्याशी विजयी रहीं हैं।

उत्तराखंड में विधानसभा की 70 सीटों पर इस बार कुल 632 प्रत्याशियों ने चुनावी रण में ताल ठोकी, इनमें 63 (10 प्रतिशत) महिला प्रत्याशी शामिल रहीं। बात भाजपा-कांग्रेस के सिंबल पर लड़ी महिला प्रत्याशियों की करें तो दोनों दलों ने 13 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा। भाजपा ने आठ और कांग्रेस ने पांच महिलाओं को टिकट दिया। इनमें भाजपा की दो, जबकि कांग्रेस की तीन महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। पिछले चुनाव (वर्ष 2017) में भी दोनों दलों ने इतनी ही महिला प्रत्याशियों पर दांव खेला था। हालांकि, तब कांग्रेस ने आठ और भाजपा ने पांच महिलाओं को टिकट दिया था। इनमें कांग्रेस की दो और भाजपा की तीन महिला प्रत्याशियों को जीत मिली थी। इसके अलावा प्रकाश पंत का निधन होने पर उनकी पत्नी चंद्रा प्रकाश पंत को उपचुनाव में जीत मिली थी।

इस बार जीती महिला प्रत्याशी….

विजेता, सीट, दल

ऋतु खंडूड़ी, कोटद्वार, भाजपा

रेणू बिष्ट, यमकेश्वर, भाजपा सविता कपूर, देहरादून कैंट, भाजपा

शैलारानी रावत, केदारनाथ, भाजपा

रेखा आर्य, सोमेश्वर, भाजपा

सरिता आर्य, नैनीताल, भाजपा

ममता राकेश, भगवानपुर, कांग्रेस

अनुपमा रावत, हरिद्वार ग्रामीण, कांग्रेस

राज्य में सबसे ज्यादा महिलाएं वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में उतरी थीं। यह राज्य का पहला विधानसभा चुनाव भी था। इस चुनाव में कुल 72 महिलाओं ने ताल ठोकी, जो पुरुष प्रत्याशियों की कुल संख्या का सिर्फ 8.42 प्रतिशत था। इसके बाद के चुनावों में महिला प्रत्याशियों की संख्या में उतार-चढ़ाव आता रहा। 2007 में महिला प्रत्याशियों की संख्या घटकर 56 रह गई तो 2012 में थोड़ा बढ़कर 63 पर पहुंच गई। पिछले यानी 2017 के चुनाव में 62 महिलाएं चुनाव मैदान में थीं।

यमकेश्वर में मातृ शक्ति का राज..

भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली पौड़ी जिले की यमकेश्वर एकमात्र ऐसी विधानसभा सीट है, जहां राज्य गठन के बाद से अब तक महिलाएं ही जीतती आई हैं। पहले तीन विधानसभा चुनाव (2002, 2007 और 2012) में यहां से भाजपा की विजय बड़थ्वाल जीतीं तो 2017 में पूर्व मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी की पुत्री ऋतु खंडूड़ी भूषण विधानसभा पहुंचीं। इस बार यहां से भाजपा ने रेणु बिष्ट को मैदान में उतारा, उन्हें भी जनता ने जनादेश दिया है।

विस चुनाव में महिलाओं की भागीदारी मतदान में दो कदम आगे

वर्ष, महिला, पुरुष

2002, 56.64 प्रतिशत, 55.95 प्रतिशत

2007, 59.45 प्रतिशत, 58.95 प्रतिशत

2012, 68.12 प्रतिशत, 64.41 प्रतिशत

2017, 68.72 प्रतिशत, 61.11 प्रतिशत

2022, 62.20 प्रतिशत, 67.20 प्रतिशत

पांच चुनाव में 26 महिला विधायक

वर्ष, चुनाव लड़ीं, जीती

2002, 72, 04
2007, 56, 04
2012, 63, 05
2017, 62, 05
2022, 63, 08

Read Article

Share Post

uttarakhand reporter

साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अम्बेडकर नगर:निषाद-मौर्य मतों के बिखराव से डूबी त्रिवेणी की नैया

Fri Mar 11 , 2022
निषाद-मौर्य मतों के बिखराव से डूबी त्रिवेणी की नैया राजेसुल्तानपुर(अम्बेडकर नगर)।यूँ तो अम्बेडकर नगर की कुल पांचों विधानसभा सीटों पर हारी भाजपा की पराजय के अनेक कारण हैं किंतु आलापुर विधानसभा हारने की बड़ी वजह पार्टी के परंपरागत निषाद व मौर्य मतों का अन्य दलों खासकर सपा की ओर झुकाव […]

You May Like

Breaking News

advertisement