कोरोना से हुई मौत मामले में अनुदान के लिये कोविन पोर्टल पर नाम दर्जन होना जरूरी नहीं
-अनुग्रह अनुदान लाभ के लिये आश्रितों को उपलब्ध कराने होंगे मृत्यु से जुड़े पर्याप्त साक्ष्य
-मामले में स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को दिये जरूरी निर्देश
अररिया, 11 मार्च।
कोरोना पीड़ित परिवारों के प्रति केंद्र व राज्य सरकार का सहानूभूति पूर्ण रवैया महामारी के शुरुआती दौर से ही कायम है। कोरोना से हुई मौत के मामले में आश्रितों को सरकार द्वारा जरूरी आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। अनुग्रह अनुदान राशि के रूप में आश्रितों को चार लाख रुपये उपलब्ध कराने का प्रावधान है। लेकिन इसके लिये कोविड पोर्टल पर मृतक का नाम प्रविष्ट होने की बाध्यता को खत्म करते हुए सरकार ने नई पहल की है। इसके तहत किसी कारणवश मृतक का नाम कोविड पोर्टल पर नहीं दर्ज होने के बावजूद आश्रितों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुग्रह अनुदान का लाभ उपलब्ध कराया जा सकेगा। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को जरूरी दिशा निर्देश दिये हैं।
अनुदान लाभ के लिये पोर्टल पर नाम दर्ज होने की बाध्यता खत्म –
जारी पत्र में कहा गया है कि कोरोना महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। आश्रित परिवारों तक सरकार द्वारा जरूरी मदद मुहैया करायी जा रही है। लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि पूर्व निर्धारित मापदंड व प्रक्रिया की वजह से बड़ी संख्या में मृतक के आश्रित अनुग्रह अनुदान लाभ से वंचित हैं। अनुदान लाभ के लिये बड़ी संख्या में आश्रितों के आवेदन लंबित हैं। समीक्षा में कोविड पोर्टल पर मृतक का नाम दर्ज नहीं इसकी बड़ी वजह पाया गया। इसलिये कोविन पोर्टल पर नाम दर्ज नहीं होने के कारण मृतक के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान लाभ से वंचित नहीं किये जाने का निर्णय लिया गया है।
लाभ के लिये आश्रितों को उपलब्ध कराने होंगे पर्याप्त साक्ष्य :
इस संबंध में प्राप्त विभागीय निर्देश के संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन विधानचंद्र सिंह ने बताया कि विभाग के इस निर्णय से महामारी के दौरान अपने परिजन को खो चुके वैसे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। जिनका नाम किसी कारण पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पाया है। मौत से संबंधित वैसे मामले जिसमें कोरोना से संबंधित मौत से जुड़े सभी जरूरी साक्ष्य उपलब्ध होंगे। ऐसे सभी मामलों की गहन समीक्षा के उपरांत अनुग्रह अनुदान लाभ के भुगतान संबंधी प्रस्ताव राज्य स्वास्थ्य समिति को जल्द भेजा जा सके।