आजमगढ़ बिलरियागंज
काम न करने के आदती पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिग करने का फरमान फिर से महकमे के पास पहुंच चुका है। नए आदेश से विभाग पर बोझ बने अक्षम कर्मचारियों की परेशानी बढ़ेगी। कर्मचारियों में काम के प्रति दक्षता बढ़ाने के प्रति गंभीर शासन ने थक चुके कर्मचारियों की 20 मार्च तक सूची मांगी है। ऐसे में कर्मचारियों के पास काम की बदौलत अपनी उपयोगिता साबित करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा।
पुलिस का दूसरा नाम अनुशासन होता है। अनुशासन का आयाम भी बहुत बड़ा होता है। मसलन, वर्दी का, बात करने का, जिम्मेदारियों के निर्वहन करने का इत्यादि। यही अनुशासन काम करने के प्रति दक्षता बरकरार रखने में मददगार बनता है। शासन का फरमान 50 वर्ष या इससे ऊपर के उम्र वाले कर्मचारियों को कायदे के दायरे में लाने का फरमान है। एडीजी स्थापना अशोक सिघल ने काम करने में अक्षम पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिग कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का आदेश दिया है। वर्ष 2021 में भी इस तरह का आदेश जारी हुआ था। पुलिस कर्मियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए स्क्रीनिग कमेटी का गठन हुआ था। वही कमेटी फिर से अस्तित्व में लाए जाने का निर्देश हैं।
फिर से आदेश मिला है, लेकिन मेरे यहां बीते नवंबर माह में ही दो आरक्षियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा चुकी है। 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के 72 आरक्षी थे, जिनमें से शहजादे अहमद व आरक्षी परमात्मा प्रसाद स्क्रीनिग कमेटी ने हटाया था।’
अनुराग आर्य, एसपी।