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मैं नचना श्याम दे नाल भजन पर झूमें आयुष विश्वविद्यालय के कर्मचारी।
कुरुक्षेत्र :- श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में रंगोत्सव की पूर्व संध्या पर होली स्नेह मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्रीकृष्ण कृपा सेवा समिति एवं गौशाला की भजन मंडली ने श्याम के भजन गाए। मैं नचना श्याम दे नाल भजन पर विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारी खूब झूमें। कार्यक्रम के बाद अबीर-गुलाल और फूलों के संग होली की धूम रही।
प्रो. डॉ. राका जैन ने गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि होली स्नेह मिलन का कार्यक्रम है। जो सभी मतभेदों को भुलाकर दिलों की दूरियां कम करता है। रंग अच्छे मनोभाव को उत्पन्न करते हैं और अगर व्यक्ति का मन ठीक है तो व्यक्ति को किसी प्रकार का रोग नहीं लग सकता। डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. डॉ. शंभू दयाल ने सभी को होली की बधाई देते हुए कहा कि यह त्यौहार सभी के जीवन में खुशियां लेकर आए। होली त्योंहार एक तरह से बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। बुराई की आयु कुछ क्षण मात्र होती है। मगर अच्छाई सदियों-सदियों तक याद रखी जाती है। विश्वविद्यालय एक बड़ा परिवार है। कार्य करते वक्त कुछ मतभेद हो सकते हैं लेकिन मन भेद नहीं होने चाहिए। इस होली मिलन कार्यक्रम पर सभी मनभेद को भुलाकर एक दूसरे को गले लगाएं।
मंच का संचालन श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज की छात्राओं डॉ. यामिनी व डॉ. मोनिका ने किया। मंच सज्जा डॉ. नेना, डॉ.पूजा और डॉ. निलम ने की। कार्यक्रम के अन्त में श्रीकृष्ण कृपा समिति एवं गौशाला की भजन मंडली को श्रीफल एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। कुलसचिव डॉ. नरेश कुमार ने कार्यक्रम की आयोजन कमेटी व उपस्थित गणमान्यों का धन्यवाद प्रकट किया और सभी को होली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने एक गीत की पंक्ति दोहराते हुए कहा कि मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा एक ऐसा ही भाव कार्यक्रम में दिखाई दिया है। इसी प्रकार ये विश्वविद्यालय परिवार हंसता-खेलता और बढ़ता रहे। इस संसार में प्राणी के जन्म के साथ ही सुख और दूख दोनों साथ लगे होते हैं। मगर व्यक्ति को दुखों से विचलित नहीं होना चाहिए। होली के दिन सब लोग आनन्दातिरेक से नाचते-गाते हैं। पुराने वर्ष का धुआं उड़ाने के साथ ही नये संवत्सर का शुभागमन होता है, जो अपने साथ मस्ती, उन्माद एवं हर्षोल्लास की बहार लेकर आता है। इसलिए सभी मतभेदों को मिटा कर खुशी से और मिलकर रहें। इस अवसर श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ. देवेंद्र खुराना, कल्चरल कमेटी के सभी सदस्य डॉ. शितल महादिक, डॉ. सचिन शर्मा, डॉ. रविराज, डॉ. लसिता, कर्नल एसएन शर्मा, नरेश कुमार व विश्वविद्यालय का शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफ मौजूद रहा।