कन्नौज:इत्र नगरी में उत्साह से मनाया गया विश्व क्षय रोग दिवस

इत्र नगरी में उत्साह से मनाया गया विश्व क्षय रोग दिवस

दिव्या बाजपेई
कन्नौज । हर साल 24 मार्च को विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता हैं।इसको मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में टी.बी.रोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाना हैं। इसके तहत गुरुवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया।टीबी मरीजों को पोषण देने के साथ ही टीबी मुक्ति को लेकर शपथ ग्रहण का भी आयोजन हुआ। इस अवसर पर जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र ने कहा कि आज हम यानि 24 मार्च को इस दिन का आयोजन कर रहे हैं। आज के ही दिन टी.बी.वायरस की खोज हुई थी। हालांकि यह दिवस हम हर साल मनाते हैं। लेकिन अबकी बार इस कार्यक्रम का उद्देश्य अलग हैं।सरकार और महामहिम राज्यपाल महोदया आन्नदी बेन पटेल भी मुख्य रुप से टी.बी.उन्मूलन में जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि क्षय रोग से ग्रसित व्यक्ति को एक सामाजिक आवश्कता होती हैं।किसी मरीज को सही होने के लिए अपनी सामर्थ्य से उसे सहूलियत और सहयोग हर महीने देते रहें तो निश्चित रुप से वह सामान्य जिन्दगी में लौट आयेगा। हमारे अन्दर वो क्षमता हैं कि अगर हम ठान लें, थोड़ा-थोड़ा अपना सहयोग दें। तो बड़ी से बड़ी विपदा को बहुत ही आसानी से निपटा सकते हैं।उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओ, व्यापरियों ,समाजिक व्यक्तियो व जिले के अधिकारियों से अपील करते हुए कहा कि चिन्हित मरीजों को गोद लेकर उपचार व खानपान में भरपूर सहयोग करें। देश व जिले से टी.बी.का संपूर्ण उन्मूलन हो सकें और टीबी से देश जीतेगा ,टीबी हारेगा का सपना साकार हो सकें। मुख्य चिकित्साधिकारी डा.विनोद कुमार ने कहा कि हमारे शरीर में अनेक रोग उत्पन्न होने में पोषण की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। यदि किसी व्यक्ति का आपेक्षित वजन कम है। तो उसे संक्रामक बीमारियों की चपेट में आने का खतरा अधिक रहता है। टीवी भी एक संक्रामक रोग हैं, आनुवांशिक नहीं। यह रोग किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकता है।इससे छुटकारा पाने का तरीका समय से जांच व पूरा इलाज है। अगर इसका पूरा इलाज न कराकर दवाई बीच में ही बंद कर दी जायें। तो यह रोग जानलेवा हो जाता है। उन्होंने कहा कि बदलते खानपान और अनियमित जीवनशैली की वजह से बच्चों में भी टीबी की समस्या सामान्य होती जा रही है।आजकल के बच्चे जंक फूड ज्यादा खाते हैं। जिससे उनमें पौष्टिकता कम हो रही है, और इसी वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो रही है। इससे भी कोई भी संक्रमण बच्चों को बहुत जल्दी घेर लेता है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.जे.जे. राम ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी को देश को खत्म करने का संकल्प लिया है।लेकिन जिले में उससे पहले ही टीबी को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहे , बुखार रहता हो तथा शाम को बढ़ जाता हो, सीने में दर्द हो, खांसी के साथ खून आए, भूख न लगे, वजन घटता हो यह टीबी के लक्षण हैं। यदि किसी भी व्यक्ति के अन्दर यह लक्षण दिखाइ दें तो वह उसकी जांच कराएं। जनपद में टीबी की निःशुल्क जांच के लिए ट्रूनाट व एक सीबीनाट मशीन उपलब्ध है।
इस दौरान उपजिलाधिकारी गजेन्द्र सिंह,मुख्य विकास अधिकरी आर.एन.सिंह,एसडीएम सदर गरिमा सिंह,जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.गीतम सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहें।

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