राजेसुल्तानपुर(अम्बेडकर नगर)इसे कोई हकीकत कहें या फसाना मगर सच तो यही है कि बोर्ड परीक्षाओं के दरम्यान कार्यपालक मजिस्ट्रेट की शक्तियों का उपभोग करने को अधिकृत केंद्र व्यवस्थापक विभाग के बाबुओं की अंगुलियों पर नाचने को विवश दिखाई दे रहे हैं।जिसको लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ,उत्तर प्रदेश के अयोध्या मण्डल संयोजक उदयराज मिश्र ने कड़ा एतराज जताया है।
दिलचस्प बात यह है कि अबकीबार पहली दफा माध्यमिक शिक्षा परिषद पूरी परीक्षावधि की बजाय महज तीन तीन दिनों के प्रश्नपत्र केंद्रों को उपलब्ध करवा रही है।जिसके चलते छुट्टियों के दिनों में भी केंद्र व्यवस्थापकों को प्रश्नपत्रों के बंडल प्राप्त करने हेतु दरदर भटकते हुए सहज ही देखा जा सकता है।जबकि केंद्रों तक प्रश्नपत्रों के बंडलों को सुरक्षित पहुंचाने का जिम्मा विभाग औरकि जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला प्रशासन का है।लिहाजा कई लाट में प्रश्नपत्रों की आपूर्ति जहाँ केंद्र व्यवस्थापकों की सिरदर्द बनी हुई है तो इस बाबत खर्च रकम की भरपाई का भी कोई जरिया नहीं है,सिवाय अपनी जेब से भुगतान करने के।
गौरतलब है कि इसवर्ष माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में प्रत्येक केंद्र पर वहीं के शाला प्रधान को व्यवस्थापक बनाते हुए एक अतिरिक्त बाह्य केंद्र व्यवस्थापक तथा स्टेरिक मजिस्ट्रेट की नियमित तौर पर तैनाती की गयी है।इतना ही नहीं अबकीबार प्रत्येक केंद्र पर पुलिस बलों की तैनाती भी चौबीसों घण्टे होने से सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चॉक चौबंद है।किंतु विभिन्न प्रयोजनों हेतु केंद्र व्यवस्थापकों को विभागीय बाबुओं द्वारा फरमान जारी किया जाना नितांत अनुचित और अव्यवहारिक है।जिसे लेकर महासंघ के अयोध्यामण्डल संयोजक उदयराज मिश्र ने केन्द्रव्यवस्थापकों से अपने अधिकारों के प्रति भी जागरूक रहते हुए कर्तव्यों के पालन की अपील की है।