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वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या का उद्देश्य जनकल्याण एवं विश्व में शांति की स्थापना है।
कुरुक्षेत्र, 29 मई : धर्मनगरी के जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी भीषण गर्मी में भी भगवान की भक्ति में लीन होकर आग के ढेरों के बीच अखंड पंच धूणी अग्नि तपस्या कर रहे हैं। सातवें दिन भी कठोर अग्नि तपस्या में लीन महंत राजेंद्र पुरी के दर्शनों एवं पूजन के लिए जग ज्योति दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। उल्लेखनीय है कि महंत राजेंद्र पुरी गुरु गद्दी प्रेरणा से पिछले करीब दो दशकों से हर वर्ष भीषण गर्मी में अग्नि तपस्या कर रहे हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि वे जब भी तपस्या करते हैं उनका केवल लक्ष्य होता है कि जनकल्याण हो एवं विश्व में शांति स्थापित हो। उन्होंने भारत में ही नहीं बल्कि विश्वभर में सनातन धर्म के प्रचार का भी अभियान चलाया है। आज हर भारतीय को अपने राष्ट्र की मजबूती के लिए केवल सनातन के मार्ग पर चलना होगा। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि जगत कल्याण, जीव रक्षा, सनातन संस्कृति को सतत जारी रखने, विश्व ने बढ़ते ताप को कम करने के लिए व पूरे विश्व में शांति की स्थापना इसी उद्देश्य से सत्तागनी धूणा तपस्या कर रहे हैं। इस भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में श्रद्धालुओं की आस्था देखकर तपस्या करने वाले को भी शक्ति मिलती है। उन्होंने कहा कि उनकी भक्ति केवल देशप्रेम एवं राष्ट्रकल्याण को समर्पित है। महंत राजेंद्र पुरी की तपस्या का समापन गुरु आदेश से ही होगा। इस अवसर पर जागीर मोर, राजकुमार धनी पुरा, रोशन लाल, राजेश, रामगोपाल, रामचरण, विनोद कुमार, देसराज, रवि रोहटी, कपिल शर्मा, वीरेंद्र, राज कुमार शर्मा, विजयंत व अनिरुद्ध इत्यादि भी मौजूद रहे।
अग्नि तपस्या करते हुए महंत राजेंद्र पुरी।