महाभारतकालीन स्थाणु महादेव मन्दिर में भारत साधु समाज की बैठक आयोजित।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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हिन्दू पुण्य पर्वों पर तीर्थ स्थल क्षेत्र बंद क्यों: महन्त बंशी पुरी।
कुरुक्षेत्र :- कुरुक्षेत्र के महाभारतकालीन स्थानेश्वर महादेव मंदिर में लोहड़ी तथा मकर संक्रांति के पवन पर्व पर एक भारत साधुसमाज की आम सभा का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता भारत साधुसमाज के प्रदेशाध्यक्ष व स्थाणु महादेव मन्दिर के महन्त बंसी पुरी जी महाराज ने की।
महाराज श्री ने सबसे पहले आए हुए संतों का अभिवादन किया और अपने विचार रखते हुए कहा कि जो हमारे तीर्थ स्थान विशेष रुप से हैं सरोवर आदि उन्हें हमारे पुण्य पर्वो पर सरकार द्वार इस स्नानादि , हवन ,पूजन आदि के लिए बंद कर दिया जाता है इसका संत समाज पुरजोर विरोध करता है और सरकार से मांग करता है कि धर्म स्थलों को पुण्य पर्वों पर ना बंद किया जाए क्योंकि तीर्थ स्थानों में भक्तों द्वारा विशेष रूप से पूजन हवन आदि किया जाता है जिससे वातावरण शुद्ध पवित्र होता है ना कि यह महामारी करोना आदि या वर्ल्ड फ्लू आदि को फैलाने में सहायक है वरन इससे इन बीमारियों को लड़ने के लिए आदमी की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही बढ़ती है व्यक्ति मानसिक रूप से शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है रोगों से लड़ने में उसे सहायता प्राप्त होती है जिन लोगों ने इस महामारी में अपने प्राणों को खोया है उन सब परिवारों के प्रति भारत साधु समाज संवेदना व्यक्त करता है और जिन लोगों की असमयिक मृत्यु हुई है उन के लिए भारत साधु समाज श्रद्धांजलि समर्पित करता है करोना कॉल में मंदिरों के बंद हो जाने से विरक्त संतो को तथा मंदिर के पुजारियों को या सरोवर आदि में बैठने वाले विप्र बंधुओं को आर्थिक विपन्नता की समस्या से गुजरना पड़ा, अपने परिवारों का गुजारा करना भी बड़ी मुश्किल से हो पाता है इस महामारी काल के कारण कई मंदिरों में पूजा-पाठ उपासना आदि नहीं के बराबर हो गया है।अतः हरियाणा सरकार से हम मांग करते हैं कि उन साधु-संतों को तथा पुजारियों को विप्र बंधुओं को सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करें, जिससे कि उन मंदिरों में रहने वाले संत वृंद , पुजारी, ब्राह्मणों का गुजारा हो सके ।
यदि सरकार इस विषय में ध्यान नहीं देती है तो संत समाज विरोध करता हुआ आंदोलन की ओर अग्रसर होगा।
इस अवसर पर महन्त वासुदेवानंद गिरि, महन्त अरविंद दास , महन्त रंग नाथ पुरी, महन्त अनूप गिरि, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, रोशन पुरी, महन्त सुनील दास, महन्त सीता राम दास,राम अवतार, विजय शर्मा ,जय पाल शास्त्री व संत महात्मा ब्राह्मण इत्यादि मौजूद रहे।