दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से श्री राम मंदिर में सात दिवसीय श्री कृष्ण कथा का किया गया भव्य आयोजन

दिव्या ज्योति जागृती संस्थान की ओर से श्री राम मंदिर में सात दिवसीय श्री कृष्ण कथा का किया गया भव्य आयोजन
(पंजाब) फिरोजपुर 17 जून [कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता]=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से श्री राम मंदिर,शिमला में सात दिवसीय श्री कृष्ण कथा का भव्य आयोजन किया गया है।जिसमें कथा के समापन दिवस में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी सुश्री रुपेश्वरी भारती जी ने श्री कृष्ण कथा के माध्यम से अनेकों ही दिव्य रहस्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि प्रभु श्री कृष्ण का जीवन चरित्र हमारे जीवन के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। प्रभु की कथा एक परिवर्तन है, एक क्रांति है। जब हमारे शरीर में प्रभु का प्राकट्य होता है तब ही मनुष्य ईश्वर को जान पाता है ।हमारे समस्त शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि मनुष्य जीवन का लक्ष्य ईश्वर को प्राप्त करना है। कथा में भक्त सुदामा जी का प्रसंग भी सुनाया गया। सुदामा जी, जो भगवान श्री कृष्ण के सखा भी थे और भक्त भी। सुदामा जी ने अपना संपूर्ण जीवन भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में व्यतीत किया। इसी भक्ति के प्रभाव से उनके जीवन में संतोष था ।भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा जी के तंदुल बहुत भाव से ग्रहण किए क्योंकि भगवान तो सदैव भाव के भूखे हैं।
साध्वी जी ने कहा कि वर्तमान समाज की विभिन्न समस्याओं को सुलझाने के लिए आज संपूर्ण क्रांति की आवश्यकता है। क्रांति का अर्थ होता है आनंद पूर्ण परिवर्तन। मनुष्य के भीतर जो विकार हैं,उसका कारण मन है ।जब तक इंसान का मन विकसित नहीं होता तब तक वह किसी समाधान का अंग नहीं बन सकता ।यदि समाज में परिवर्तन लाना है तो सबसे पहले व्यक्ति की चेतना और अंतर्मन में परिवर्तन लाना होगा। अध्यात्म द्वारा उसे जागृत करना होगा। यह परिवर्तन केवल ब्रह्म ज्ञान द्वारा ही आ सकता है ।ब्रह्म ज्ञान अर्थात अपने भीतर ईश्वरीय प्रकाश की प्रत्यक्ष अनुभूति। जब गुरु हमारे मस्तक पर हाथ रखकर दिव्य दृष्टि उद्घाटित करते हैं तो सर्वप्रथम परमात्मा के प्रकाश स्वरुप का अनुभव होता है। उसके बाद ही ध्यान की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। मनुष्य जीवन के सभी दुखों का एक ही समाधान है ईश्वर का ध्यान। संस्थान के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि संस्थान का उद्देश्य संपूर्ण विश्व को बंधुत्व की भावना में पिरोना है। कथा में प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा,सन्त निरंकारी मिशन शिमला संयोजक हेमराज भारद्वाज, नूरमहल पंजाब से पधारे स्वामी गिरिधरानंद,स्वामी धीरानंद ने दीप प्रज्वलित किया।सीएमओ डॉ यशपाल रांटा,दीपक कुमार आदेश कुमार सैनी और श्रीमती सन्तोष शर्मा कथा ने भागवत पूजन कर कथा व्यास जी से आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा के विश्राम मे सूद सभा शिमला के प्रधान राजीव सूद और सभा के सदस्यों ने कथा ब्यास जी को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सन्त समाज के माल्यार्पण किया। रोशन लाल ठाकुर जी के परिवार ने सन्त समाज को वस्त्र प्रदान कर कथा व्यास जी को हिमाचली टोपी पहना कर अभिनन्दन किया।सपना ठाकुर के परिवार ने भी सन्त समाज को भेंट प्रदान की। कथा का समापन विधिवत आरती से हुआ जिसमें तनुज गुप्ता,चांद शर्मा, सोमकीर्ति कुठियाला,चुन्नी लाल आदि ने भाग लिया।स्वामी धीरानन्द जी ने सभी सहयोगी सज्जनों का धन्यवाद कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।