श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी सुश्री महिंद्रा भारती ने अपने विचारों में कहा कि अगर आप तनावमुक्त जीवन जीना चाहते हैं तो आपको तनाव के मूल कारण को खत्म करना होगा और वह कारण है नकारात्मक सोच
फिरोजपुर 29 नवंबर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:-
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा सीमा सुरक्षा बल के 181 बटालियन के अबोहर स्थित मुख्यालय में “स्ट्रेस मैनेजमेंट”पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिसमें श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री मनेन्द्रा भारती जी ने अपने विचारों में कहा कि अगर आप तनावमुक्त जीवन जीना चाहते हैं तो आपको तनाव के मूल कारण को खत्म करना होगा और वह कारण है नकारात्मक सोच।
इस नकारात्मक सोच का गुलाम बनकर व्यक्ति सुख में भी दुखी रहता है और दुख में निराशा की खाईयों में गिर जाता है। लेकिन इससे विपरीत सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति दुख व दर्द में भी आशावादी रहता है। जैसे कि अगर आप अच्छे जूते पहनकर चलेंगे तो रास्ते में जितने चाहे कंकड़-पत्थर आ जाएँ तो आप पार कर जाओगे लेकिन अगर आपके जूते में एक भी कंकड़ है तो रास्ता चाहे जितना भी साफ़ हो आपको दो कदम चलना भी मुश्किल हो जाता है। उसी प्रकार अगर हमारी सोच अच्छी है तो हम सारी मुश्किलों को अच्छे से पार कर जाएंगे लेकिन अगर हमारी सोच में नकारात्मकता नामक कंकड़ घुसे हुए हैं तो हम अनुकूल परिस्थितियों में भी तनावग्रस्त रहेंगे।
आज का मानव खोखले दिखावों व बनावटीपन में जीने का आदि हो गया है और जब भी उसे अपने बनावटी मुखौटे के उतर जाने का भय लगता है तो वह तनावग्रस्त हो जाता है। वह असलीयत से दूर भाग रहा है। तनाव को दूर करने के लिए शारीरिक व मानसिक स्तर पर किये जाने वाले प्रयास इतने कारगर साबित नहीं हो रहे इसलिए समाज में आत्महत्या की दर इतनी बढ़ गई है। साध्वी जी ने अपने जीवन की हर प्रतिकूल परिस्थिति का सकारात्मकता से सामना करने व हर परिस्थिति में अपना श्रेष्ठ देने के लिए विभिन्न टिप्स दिए और साथ ही आत्मबोध व आत्मजाग्रति के बारे में जानकारी देते हुए ध्यान करने से होने वाले लाभ भी बताये।इस अवसर पर कमाडेंट मयंक द्विवेदी,द्वितीय कमान अधिकारी संजय देवाल,स्वामी धीरानंद,बॉर्डर एरिया विकास फ्रंट के प्रधान लीलाधर शर्मा,व अन्य अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया।कार्यक्रम के समापन पर कमांडेंट मयंक द्विवेदी ने संस्थान के लोक कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों की सराहना की और स्वामी धीरानंद एवं साध्वी बहनों को बी.एस.एफ. का स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।