भगवान भोलेनाथ की स्तुति मात्र से जीवन के दुखों का नाश होता है : आचार्य लेखवार।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
विद्यापीठ में सावन पूजन के साथ भगवान भोलेनाथ की स्तुति का हुआ गुणगान।
कुरुक्षेत्र, 23 जुलाई : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर स्थित श्री जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर सावन का पूजन एवं अभिषेक निरंतर किया जा रहा है।
इस मौके पर शिव भक्तों के साथ सर्वकल्याण की भावना से प्रतिदिन रुद्राभिषेक भी किया जा रहा है। रविवार को विद्यापीठ के सेवकों ने रुद्राभिषेक एवं सावन पूजन किया। आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार तथा ब्रह्मचारियों ने विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ सर्व कल्याण की भावना से रुद्राभिषेक सम्पन्न किया। आचार्य लेखवार ने बताया कि सावन में भगवान भोलेनाथ की स्तुति से जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। सावन में शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि अध्यात्म सिद्धि से लेकर जीवन में सुख समृद्धि की कामना के लिए इस महीने में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।
आचार्य लेखवार ने कहाकि हजारों वर्ष पहले क्षीर सागर मंथन के दौरान अमृत का घड़ा मिला तो राक्षसों ने देवताओं से छीन लिया और मोहिनी रूप धारण कर भगवान विष्णु ने राक्षसों से इस घड़े को अपने हाथ में लिया। देवताओं और राक्षसों को अलग-अलग कतार में बैठाया और अमृत देवताओं को पिला दिया। समुंद्र से जहर का घड़ा मिला तो भगवान शंकर के अतिरिक्त किसी ने उसे पीने का साहस नहीं दिखाया। उन्होंने कहा कि इसलिए कहा जाता है कि भगवान भोले नाथ अपने प्रिय भक्तों का प्रत्येक कष्ट हर लेते हैं। इस मौके पर के.के. कौशिक,राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक भी मौजूद रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ के श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में सावन पूजन एवं रुद्राभिषेक करते हुए श्रद्धालु।