कैदीयो की रिहाई में जुटे सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट अदील

नदीम अहमद जॉर्नलिस्ट
दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ;-एडवोकेट मोहम्मद अदील सिद्दीकी बताते है की, यूं तो जेलों में क्षमता से ज्यादा बंदी बन्द हैं। इस महामारी के काल में जेल में बन्द ज़्यादातर बंदी भी संक्रमित हो चुके हैं। इसी खतरे के मद्देनजर “सुप्रीम कोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश ने स्वत: संज्ञान लेकर एक विस्तृत आदेश जारी किया और अपने आदेश में कहा “कि.”राज्य सरकार महामारी के दौरान जेल में बंद कैदियों को पैरोल पर रिहा करे.और प्रत्येक राज्य में गठित कमेटी यह निर्धारित करे कि किस अपराध के मानदंड पर कैदियों को छोड़ा जा सकता है।” इस आदेश के बाद जेलों में बंन्दियों का दबाव कम करने के लिए बन्दियों को राज्य में गठित कमेटी द्वारा अन्तरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया । उन्होंने बताया कि इस आदेश के बाद से जेलो में कई सालो से बंद कैदियों को रिहाई की खुशी मिली तो कई ऐसे कैदी भी है जिन के हाथो इस आदेश के बाद निराशा हाथ आई है। उन्होंने बताया कि जिन कैदियों को राज्य में गठित कमेटी दुवरा नहीं छोड़ा गया उन कैदियों के द्वारा अपनी रिहाई के सम्बन्ध में जेलो से रोज़ कई पत्र हमारे कार्यालय को प्राप्त हो रहे है जिला कारागार अलीगढ में संजय पुत्र श्री रणधीर जो १४ साल से ज़्यादा से जेल में बन्द है और कई अन्य ऐसे कैदी जो सालो से अपनी रिहाई की उम्मीद किये हुवे थे अपना नाम राज्य में गठित कमेटी दुवरा न आने के कारण मायूस है। और वही जो बुज़ुर्गबंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे कमेटी दुवरा उनको अन्तरिम जमानत पर रिहा किया गया जो बाहर आकर अपनी पैरवी खुद करते हुवे दिखाई दिए । इस सम्बन्ध में 10 साल से बन्द सहारनपुर जिला कारागार से पेरोल पर आये मोहम्मद इकराम पुत्र श्री यासीन जिन की आयु 73 साल है, अपनी रिहाई की उम्मीद लेकर एडवोकेट सिद्दीकी से मुलाकात की जिन की पुनर्विचार याचिका के सम्बन्ध में प्रार्थना-पत्र 2015 से कानूनी सहायता समिति और जेल की फाइलों में कागजों के अभाव में दबी हुई थी। सिद्दीकी साहब के प्रयास से सभी फाइलों को एकत्र किया गया और सुप्रीम कोर्ट में मोहम्मद इकराम के केस में उन के हाथो से पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई। सिद्दीकी साहब कई सालो से जेलों में बंद केदियो की रिहाई के लिए और उनके मौलिक अधिकारों के लिए काम कर रहे है। उन्होंने जिला कारगर बरेली में बंद बुज़ुर्ग कैदी हर प्रसाद पुत्र श्री भोगराज आयु 74 साल , की रिहाई के सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में बेल फाइल की हुई है, उन्होंने ने बताया की जेलों में मुलाकात शुरू होते ही वे स्वम सालो से जेलों में बंद केदियो से मुलाकात करेंगे और उन की रिहाई के लिए जल्दी ही क़ानूनी कदम उठयेंगे।

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