बाढ़ और भारी बारिश के बाद कुरुक्षेत्र के तीर्थों और प्राचीन मंदिरों की इमारतों को भी पहुंचा भारी नुकसान।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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ब्रह्मसरोवर के किनारे बने राधाकृष्ण मंदिर परिसर के दो कमरे तथा पेड़ गिरने से साथ लगती इमारतों को भी पहुंचा भारी नुकसान।
कुरुक्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार के प्रबन्धन के राधाकृष्ण मंदिर परिसर में बने कमरों में रह रहे परिवार के सदस्य बाल बाल बचे।
कुरुक्षेत्र, 16 जुलाई : बाढ़ और भारी बारिश के बाद धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के तीर्थों और प्राचीन मंदिरों की इमारतों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। ऐसी ही एक घटना शनिवार देर रात आई तेज बरसात में ब्रह्मसरोवर के निकट गीता भवन एवं श्री जयराम विद्यापीठ के मध्य बने मध्यप्रदेश सरकार के प्रबन्धन के राधाकृष्ण मंदिर परिसर में हुई। प्रत्यक्षदर्शियों एवं मंदिर परिसर रह रहे परिवार के सदस्यों ने बताया कि जिस समय जर्जर हालत में बरसात के कारण उनका कमरा गिरा उस समय उनका जीवन भी बाल बाल बचा।
पिछले करीब 50 साल से राधाकृष्ण मंदिर परिसर में रह रहे परिवार की सदस्या महिला ज्योति ने बताया कि यह मंदिर मध्यप्रदेश के राजा ने बनवाया था और उनके बेटे दलीप चंद्र की यह जगह है। उन्होंने ही यह जगह मध्यप्रदेश के हवाले की हुई है। इस को बने हुए सौ साल से अधिक हो गए हैं तथा मंदिर की देखरेख के लिए ही रहने के यह कमरे बने हुए थे। अब मध्यप्रदेश सरकार और राजा के परिवार को भी पूरी जानकारी देनी होगी।
ज्योति ने बताया कि मंदिर के यह कमरे पहले से ही काफी जर्जर हालत में हैं और वर्तमान में इस परिसर की देखरेख कर रहे कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को भी जानकारी देने के लिए उनके कार्यालय में गए थे। ज्योति ने बताया कि कमरे में पहले से ही दरार आई हुई थी और मलबा गिर रहा था। उन्होंने बताया कि जब उनके परिवार के सदस्य समान निकल कर कमरे से निकले ही थे कि पूरा कमरा ही ढह गया। कमरे में रखा हुआ शेष सामान भी कमरे के मलबे के साथ बर्बाद हो गया। उनके परिवार के सदस्य मंदिर के कमरे में 50 साल से रह रहे हैं। ईंट गिरने से माता जी के हाथ पर चोट आई है।
घायल हुई बुजुर्ग महिला निर्मला ने बताया कि उनके कमरे में दरार आ चुकी थी और वे परिवार के सदस्यों के साथ सामान निकाल रही थी। उनका यह कमरा गिरने की हालत में था। जब सामान निकाल रही थी तो एक ईंट हाथ पर गिरी तो बच्चों ने अचानक खींच कर बाहर निकाल लिया। उसके बाद अचानक ही कमरा गिर गया।
प्रत्यक्षदर्शी सतबीर शर्मा ने बताया कि गीता भवन के साथ लगता हुआ यह प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर काफी जीर्णशीर्ण अवस्था में हैं। पिछले कई दिन से बरसात हो रही है। बरसात के कारण ही मंदिर के दो तीन कमरे कल रात गिर गए हैं। इस कारण साथ लगती इमारत को भी नुकसान पहुंचाया है। इसी के साथ दो तीन बड़े पेड़ भी कभी गिरने की हालत में हैं। कुरुक्षेत्र जिला प्रशासन को इस ओर तुरंत ध्यान देना चाहिए। सतबीर ने कहा कि इस मंदिर परिसर के साथ की इमारत में देश विदेश से आने वाले अनेकों यात्री ठहरते हैं। ऐसे में कोई भी अनहोनी घटना घट सकती है।
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को लिखा पत्र
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त को लिखे पत्र में बताया गया कि श्री जयराम विद्यापीठ एवं गीता भवन के मध्य में मध्यप्रदेश सरकार के प्रबंधन का एक राधाकृष्ण मंदिर है। मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा कलेक्टर रतलाम के माध्यम से इस भवन के प्रबंधन की लीज श्री जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र के पक्ष में की थी। जिससे खिलाफ श्री कुरुक्षेत्र रेस्टोरेशन सोसाइटी रजि. कुरुक्षेत्र ने न्यायालय में केस किया हुआ है। मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। माननीय उच्च न्यायालय पंजाब एवं हरियाणा चण्डीगढ के द्वारा दिनांक 10.02.2016 को इस मंदिर की देख-रेख जीर्ण-शीर्ण अवस्था को ठीक करने के लिए उपायुक्त कुरुक्षेत्र को आदेश पारित किया गया था। उपायुक्त कुरुक्षेत्र को लिखे पत्र में कहा गया कि अब भी इस मंदिर परिसर की स्थिति बहुत दयनीय है। इस लिए सुरक्षा की दृष्टि से इस को ठीक करवाने एवं दोनों वृक्षों को तुरन्त निकलवाने की कृपा करें ताकि भविष्य में कोई अनहोनी घटना से बचाव हो सके।
कुरुक्षेत्र के प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर में गिरे कमरों का मलबा, प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर एवं उपायुक्त कुरुक्षेत्र को लिखे पत्र की प्रति।