देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी किचन केबिनेट और चांडाल चौकड़ी के लपेटे में इस कदर उलझ गए कि अब उन्हें डैमेज कंट्रोल के लिए विधायकों को लगाना पड़ रहा है। भर्ती घोटाले में पुष्कर सिंह धामी के को osd/ PRO और उनके परिजनों के नाम सामने आने के बाद जिस प्रकार का हमला पुष्कर सिंह धामी पर हो रहा है। उस के आलोक में उन्होंने बचाव में सबसे पहले हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को मैदान में उतारा रमेश पोखरियाल निशंक से यूपी ट्रिपल एससी घोटाले की एसटीएफ जांच को लेकर एक बधाई वाली पोस्ट लिखवाई और वही बात भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को व्हाट्सएप करवा दी गई उसके बाद एक के बाद एक विधायकों ने पुष्कर सिंह धामी के पक्ष में फेसबुक पर लिखना शुरु कर दिया यह दूसरी बात है। कि यह वही भारतीय जनता पार्टी है जिसने 1 दिन पहले भर्ती घोटाले पर विधायकों को मुंह बंद करने की आदेश दे रखे हैं।
धामी के लिए दूसरी समस्या यह है कि बैक डोर भर्ती के इस घोटाले में संगीओं के नाम भी सोशल मीडिया से लेकर तमाम जगह टॉप ट्रेंड कर रहे हैं देखना है। कि धामी द्वारा किया जा रहा है या डैमेज कंट्रोल कितना कारगर साबित होता है इस बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में धामी सरकार के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को दिल्ली तलब करने की खबरें सोशल मीडिया में चल रही है। पुष्कर सिंह धामी की दूसरी बड़ी मुसीबत गोदी मीडिया के कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्होंने पुष्कर सिंह धामी के साथ पिछले दो-तीन दिनों में फोटो खिंचवा ए और फिर विधानसभा बैक डोर भर्ती घोटाले को उत्तराखंड में राजनैतिक अस्थिरता फैलाने का षड्यंत्र करार देकर धामी की दिक्कतें बढ़ा दी है देखना है। कि क्या पुष्कर सिंह धामी डैमेज कंट्रोल करवा पाएंगे या फिर दिल्ली हाईकमान कुछ कडा निर्णय लेगी।