कोरोना का संक्रमण लगातार बिहार में बढ़ता जा रहा है। विपदा के इस समय में न केवल मानवीय संवेदना शून्य हो रही हैं, कोविड पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद लोग शव का अंतिम संस्कार तक करने से हिचक रहे हैं। ऐसी ही एक बानगी पुर्णिया जिला के अमौर के कोविड केयर सेन्टर अतिरिक्त पीएचसी बेलग्चछी में हुई,
क्या है पूरा मामला
कोविड-19 रोगी के शव को दफनाने के लिए एक बार फिर जेसीबी मशीन के इस्तेमाल का मामला सामने के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिह्न लग गया है.कोरोना से होने वाली मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार को लेकर सरकार की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई हैं, जिससे इस खतरनाक वायरस का संक्रमण और न फैले. हालांकि आए दिन अलग-अलग राज्यों से शवों के साथ बदसलूकी का मामला सामने आता रहता है, जिसमें covid-19 मरीज के शव को जेसीबी से उठाकर दफनाया गया है.अमौर के कोविड केयर सेंटर बेलग्चछी में एक कोविड रोगी की कोरोना से मौत हो गई थी. इसके बाद अस्पताल प्रशासन ने उनकी बॉडी को प्लास्टिक में लपेट कर जेसीबी मशीन में डाल दिया. इसे मशीन के आगे की तरफ रखा गया. वो हिस्सा जिससे मिट्टी की खुदाई की जाती है. इसके बाद शव को दो किलोमीटर दूर पलसा पुल के किनारे गड्ढे में डाल दिया गया,इस वीडियो के वायरल होने के बाद तरह तरह की चर्चाएं जोरों पर है,दरअसल अमौर रेफरल अस्पताल के बगल मे एक चौकी पर पंचु यादव पिता मंगलु यादव ग्राम बेलगच्छी पंचायत नितेन्दर प्रखंड अमौर पुर्णिया चार पांच दिनों से लेटा हुआ था, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह व्यक्ति अमौर में बीते तीन साल से घुम फिर कर मांग कर खाता पीता रहता था, अस्वस्थ हो जाने के कारण लेटा हुआ देखकर स्थानीय समाजसेवी शाहबुज्जमा उर्फ लड्डू ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन सहित अस्पताल प्रबंधन को दी काफी प्रयास करने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उक्त व्यक्ति पंचू यादव का को भी टेस्ट किया 27 मई को को भी टेस्ट होने के बाद उन्हे अमौर के बेलग्चछी के कोविड सेन्टर सेंटर में भर्ती कराया गया इसके बाद शाहबुज्जमा उर्फ लड्डू ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की लचर व्यवस्था के कारण मरीज की 29 मई को सुबह 8:00 बजे डेथ हो गई इस पर उन्होंने बताया कि अस्पताल में समुचित व्यवस्था नहीं है अस्पताल में डॉक्टर नदारद रहते हैं कोबिट पॉजिटिव मरीजों का देखभाल सही से नहीं करते हैं जिस कारण को भी पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई