तापमान गिरने के बाद आमजन जीवन के साथ सब्जी की फसलों का बड़ा खतरा

तापमान गिरने के बाद आमजन जीवन के साथ सब्जी की फसलों का बड़ा खतरा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

कृषि वैज्ञानिक ने किया निरीक्षण तथा बताया पाले से कैसे बचाएं फलदार पौधे और सब्जियां।

कुरुक्षेत्र, 6 जनवरी : कुरुक्षेत्र तथा आसपास के क्षेत्रों का तापमान 4 डिग्री से भी नीचे पहुंच जाने से आम जनजीवन में कंपकंपी छूट रही है तो फलदार पौधे और सब्जियां भी प्रभावित हो रही हैं। कृषि विशेषज्ञों ने धुंध तथा पाले को देखते हुए खेतों में खड़ी फसलों का निरीक्षण शुरू कर दिया है। डा. सी. बी. सिंह के अनुसार हालांकि तापमान गिरने के बाद पाले की आशंका बनी हुई है। तापमान न्यूनतम स्तर पर है। पाला पड़ने से सब्जी व फलदार फसलों को भारी नुकसान तथा पैदावार में भारी गिरावट आएगी। कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह ने कहा कि पाले से सरसों, मटर, आलु, बैंगन, मिर्च, टमाटर, गन्ना, पपीता, नींबू और आम आदि फल वृक्षों को भी काफी हानि पहुंच सकती है। पाला पड़ने का उचित अनुमान लगाकर इसके घातक प्रभाव से पौधों व फसलों का आसानी से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में पाला पड़ने का अनुमान दिन के मौसम से लगाया जा सकता है, जब दिन में ठंडी हवा चले तो वातावरण का तापमान बहुत नीचे आ जाता है। दोपहर यह ठंडी हवाएं चलने बंद हो जाए तथा आसमान साफ हो तो पाला पड़ने की प्रबल संभावना रहती है जब तापमान जमाव बिदु के आस-पास हो तथा हवा शांत हो तो पाला पड़ने का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। डा. सिंह के अनुसार इससे बचाव के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। इससे बचाव के लिए फसलों, बाग तथा सब्जियों में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। पानी देने से भूमि व फसलों का तापमान बढ़ जाता है तथा पाले व ठंड के असर को इस तरीके से कम किया जा सकता है। सरसों, मटर, आलू, टमाटर तथा पत्तेदार सब्जियों को पाले से बचाने के लिए देर रात खेत के उत्तर पश्चिम दिशा में घास फूस जलाकर धुआं कर देना चाहिए। धुएं की परत छा जाने से पाले को पौधे पर गिरने से रोकती है। खेत व पौधों का तापमान भी कम नहीं हो पाता, जिससे उनका पाले से बचाव हो जाता है। बागों के उत्तर पश्चिम दिशा में भी रात को दुआ करके उन्हें पाले से बचाया जा सकता है। धुआँ करते समय सावधानी रखें ताकि आग से हानि ना हो। डा. सिंह ने बताया कि नर्सरी में प्याज, मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि सब्जियों की पौध को रात में धान की पराली, टाप या पालीथिन से ढक दें ताकि भूमि का तापमान कम नहीं हो। दिन में धूप के समय इन्हें हटा दें ताकि पौधों को धूप मिल सके। छोटे फलदार पौधों आम पपीता आदि को पाले से बचाव के लिए पश्चिम उत्तर दिशा में लकड़ी के शेड बनाकर पुरानी बोरी या पुराली से ढक दें।
खेतों में कृषि वैज्ञानिक डा. सी. बी. सिंह।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आयुष विश्वविद्यालय ने जारी की एमडी और एमएस में प्रवेश की तिथि

Fri Jan 6 , 2023
आयुष विश्वविद्यालय ने जारी की एमडी और एमएस में प्रवेश की तिथि। हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।दूरभाष – 9416191877 11 जनवरी से अभ्यार्थी कर सकते हैं आवेदन। कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को डॉक्टर ऑफ मेडिसन (एमडी) व मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) सत्र 2022-23 में प्रवेश […]

You May Like

advertisement