उत्तराखंड: कोरोना रिपोर्ट के बाद मरीजों की ट्रेसिंग बनी मुसबित, कोरोना मरीज मिल रहे है नॉट रिचीबल।

उत्तराखंड: कोरोना रिपोर्ट के बाद मरीजों की ट्रेसिंग बनी मुसबित, कोरोना मरीज मिल रहे है नॉट रिचीबल।
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

दून में बढ़ते संक्रमण के बीच कोविड मरीजों की ट्रैसिंग मुसीबत बन गई है। पुलिस फोर्स की कमी की वजह से भी मुश्किलें आ रही हैं। हर दिन करीब पांच फीसदी मरीज संपर्क से बाहर हैं। इनके मोबाइल नॉट रीचेबल रहते हैं। डीएम ने इस पर चिंता जताई है और कहा कि इस तरह के मरीज सामुदायिक स्तर पर कोविड प्रसार में खतरनाक साबित हो सकते हैं। डीएम डा. आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि पिछले साल 13 सितंबर को दून में सबसे ज्यादा 670 मरीज कोविड पॉजिटिव आए थे। इस बार पिछले तीन दिन में एक हजार से ज्यादा आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि तब हर दिन सैंपलिंग सिर्फ ढाई हजार लोगों की हो रही थी और आज दून में आठ हजार लोगों की सैंपलिंग हो रही है। हम हर दिन 10 हजार टेस्ट तक इसे ले जा रहे हैं। इसलिए जिस औसत में सैंपलिंग बढ़ी है, मरीज भी उसी तरह से बढ़ रहे हैं। पर असल मुश्किल उन कोविड पॉजिटिव की है, जो रिपोर्ट आने के बाद मोबाइल बंद कर दे रहे हैं और हर दिन पांच फीसदी मरीज भी ट्रैसिंग से छूटे तो यह काफी खतरनाक होगा।क्योंकि अभी पुलिस फोर्स कुंभ में है। इसलिए पूरी की पूरी ट्रैसिंग फोन से ही की जा रही है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट आते ही लोग कोविड हेल्पलाइन या डॉक्टर से सलाह जरूर लें। इसकी विधिवत परमिशन भी लेनी होगी। उन्हें होमआइसोलेशन में रहना है या फिर अस्पताल में भर्ती होना है। क्योंकि इस वक्त पर लोग बिना सलाह के होम आइसोलेशन में रह जा रहे हैं और अचानक तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में पहुंच रहे हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है।
डीएम ने कहा कि एनडीए परीक्षा की वजह से इस बार परिवहन सेवाओं को छूट दी गई थी। अब शनिवार और रविवार के कर्फ्यू में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह बंद होगा। कई तरह से सख्त कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रविवार को लगे इस कर्फ्यू के रिजल्ट हमें पांच दिन बाद देखने को मिलेंगे। इसलिए लोगों को चाहिए कि वह अन्य दिनों में भी घरों से निकलने से बचें और मास्क जरूर पहने।

200 आईसीयू 600 तक ले जाने की क्षमता
देहरादून जिले में अभी कुल 600 आईसीयू हैं। डीएम डा. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इनमें 200 आईसीयू सिर्फ कोविड मरीजों के लिए हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इन्हें कभी भी 600 तक ले जा सकते हैं। आईसीयू बेड की कमी पर कहा कि इस तरह की कोई कमी नहीं है। आईसीयू के भर्ती होने के लिए डॉक्टरी सलाह जरूरी है। दून जिले में सिर्फ कुल कोविड बेड के दस फीसदी पर ही मरीज भर्ती हैं। इसलिए पैनिक होने की जरूरत नहीं है। पर्याप्त वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड अभी खाली हैं।
पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध
रेमडेसिविर की कमी को अगले तीन-चार दिन में दूर कर लिया जाएगा। इसके लिए प्रयास चल रहे हैं। डीएम ने बताया कि हमें पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिवर मिल जाएंगे। साथ ही ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिल रही है। उसकी किसी तरह की कोई कमी नहीं है।

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