पूर्वांचल ब्यूरो /अनुपम श्रीवास्तव
जनपद के अनुदानित महाविद्यालयों को करीब डेढ़ दशक बाद स्थायी प्राचार्य मिला है। उच्चतर शिक्षा आयोग (प्रयागराज) ने ज्यादातर चयनित प्राचार्यों को महाविद्यालय आवंटित कर दिया है।नवनियुक्त प्राचार्यों ने आवंटित महाविद्यालयों में कार्यभार भी ग्रहण करना शुरू कर दिया है हालांकि जनपद में अब तक इस अग्रसेन पीजी कालेज में डा. मिथिलेश सिंह ने प्राचार्य का पदभार ग्रहण की हैं। डा. मिथिलेश इसी महाविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर थीं। जनपद के अन्य सात अनुदानित महाविद्यालयों में भी इसी माह के अंत तक स्थायी प्राचार्य के कार्यभार ग्रहण करने की संभावना है।
सूबे के 316 अनुदानित महाविद्यालयों में ज्यादातर कालेज कार्यवाहक प्राचार्य के भरोसे चल रहा था। इसे देखते हुए उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग ने 26 जून 2017 को प्राचार्यों के 284 पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया। बाद में संशोधित विज्ञापन में प्राचार्यों के रिक्त पदों की संख्या 290 कर दी गई। लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के बाद आयोग ने चयनित 290 प्राचार्यों की सूची दो माह पहले जारी की थी। इसमें में जनपद के विभिन्न महाविद्यालयों के 16 एसोसिएट प्रोफेसर भी शामिल है। अब उन्हें महाविद्यालय भी आवंटित कर दिया गया है।
बलिया के डा. धर्मेंद्र कुमार सिंह का यूपी कालेज, हरिश्चंद्र पीजी कालेज के कार्यकारी प्राचार्य का डा. अनिल प्रताप सिंह का जगतपुर पीजी कालेज में स्थायी प्राचार्य, सकलडीहा के डा. रजनीश कुंवर का हरिश्चंद्र पीजी कालेज, अग्रसेन की डा. मिथिलेश सिंह अग्रसेन पीजी कालेज, मीरजापुर के डा. आरके द्विवेदी का बलदेव पीजी कालेज (बडग़ांव), कानपुर के डा. पुरुषोत्तम सिंह का महाराजा बलवंत सिंह पीजी कालेज (गंगापुर), बलदेव पीजी कालेज के डा. आशुतोष कुमार का डा. राम मनोहर लोहिया पीजी कालेज (भैरव-तालाब राजा तालाब) तथा मुरादाबाद के डा. अखिलेश कुमार का कलिकाधाम पीजी कालेज (सेवापुरी) में स्थायी प्राचार्य पद पर चयन हुआ है।