आलापुर (अंबेडकर नगर) गोरखपुर,अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से गुजरता हुआ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस आने जाने वाले राहगीरों,वाहनों उसमें सवार लोगों के लिए बना मौत का कारण
आलापुर (अंबेडकर नगर) गोरखपुर,अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से गुजरता हुआ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस आने जाने वाले राहगीरों,वाहनों उसमें सवार लोगों के लिए मौत का कारण बना हुआ है। मालूम हो बीती रात लगभग नौ बजे शाम को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर थानाक्षेत्र राजेसुल्तानपुर अन्तर्गत ग्राम कम्हरिया एवं मदैनियाके बीच लगे पत्थर के अवरोधक में टकराकर दो मोटरसाइकिल सवार युवकों की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी परियोजना गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बन जाने से लोगों के लिए काफी फायदेमंद परियोजना सिद्ध होगी और सुखद यात्रा के लिए लोग एक्सप्रेसवे के माध्यम से आने जाने का पूरा प्रयास करते हैं। लगभग तीन साल से एक्सप्रेस वे आधा अधूरा बनाकर बीच में बड़े पत्थर रखकर बैरिकेटिंग किए हुए हैं जिसकी जानकारी दूर से आने जाने वालों को नहीं होने के कारण लगभग दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। इन मौतो के पीछे कहीं न कहीं एक्सप्रेसवे निर्माणकारी संस्था की लापरवाही का है। बीती रात एक्सप्रेस वे पर हुई जबरदस्त टक्कर में दोनों बाइक सवार एक तरफ से छिटककर दूसरे छोर पर जा गिरे और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची राजेसुल्तानपुर पुलिस ने दोनों को अस्पताल भेजा और मृतक के परिजनों को सूचित किया। मृतक की पहचान आदित्य सिंह पुत्र हेमन्त उम्र लगभग 29वर्ष ग्राम मदरसन थाना गौरी बाजार जिला देवरिया व सिकन्दर सिंह पुत्र छेदी उम्र लगभग 35 वर्ष ग्राम भिसवा भुटवल थाना हाटा जनपद कुशीनगर के रूप में हुई है। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष विजय प्रताप तिवारी उपनिरीक्षक विनोद कुमार तिवारी, जंगेश खान ने विधिक कार्यवाही के साथ प्लेटिना मोटरसाइकिल UP 52AD4107को अपने कब्जे में ले लिया है। दोनों युवक हाइवे से होकर प्रयागराज कुम्भ स्नान के लिए जा रहे थे। एक्सप्रेसवे पूरी तरह से बंद नहीं है परन्तु पूरी तरह से तैयार भी नहीं है इसी लिए बीच बीच में पत्थर रखकर बैरिकेटिंग किए हुए हैं एक्सप्रेस वे पूरी तरह बंद न होने के कारण अनजान लोग चार पहिया और दो पहिया वाहन से सुखद यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं परन्तु उन्हें क्या पता कि आगे मौत उनका इंतजार कर रही है। एक्सप्रेस वे पर दो पहिया और चार पहिया वाहन की गति इतनी तीव्र होती है कि उन्हें एकाएक आए अवरोध से वह अनियंत्रित हो जाते हैं । एक्सप्रेसवे के बीच में रखे हुए बड़े-बड़े पत्थरों से टकराकर काल कवलित हो जा रहे हैं ।
दर्जनों परिवारों की चिराग किसी का भाई किसी का पिता किसी का पुत्र दुर्घटना में अब तक दर्जनों परिवार उजड़ गया है। आखिर इन उजड़े परिवारों की जिम्मेदारी कौन लेगा। स्थानीय लोगों ने अपनी कड़ी नाराजगी व्यक्त किया है और शासन से मांग किया है कि बना हुआ एक्सप्रेसवे या तो पूरी तरह से खोल दिया जाए या पूरी तरह से बंद कर दिया जाए जिससे बेमौत मर रहे लोगों को बचाया जा सके।