उतराखंड विधानसभा चुनाव: इन टॉप 16 सीटों पर रहेगी सबकी नजरें!

देहरादून:  उत्तराखंड में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 632 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। चुनाव में कई नए चेहरे निर्दलीय मैदान में उतरे हैं तो कुछ अपनी परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। तो चलिए आज हम बात करेंगे दिग्गजों की साख का सवाल बन चुकी उन 16 सीटों की, जिनका रिजल्ट पूरा देश जानना चाहेगा।

  1. खटीमा विधानसभा सीट ऊधमसिंह नगर जिले की सबसे हाट सीट है, क्योंकि यहां से चुनावी मैदान में है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। उनके खिलाफ कांग्रेस से भुवन कापड़ी चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 के चुनावों की बात करें तो धामी ने भुवन कापड़ी को 2709 वोटों से हराया था। पुष्‍कर धामी को 29,539 वोट मिले थे, जबकि भुवन कापड़ी मामली वोटों के अंतर (26830 वोट मिले थे) से हारे थे।
  2. लालकुंआ विधानसभा सभा क्षेत्र नैनीताल जिले में पड़ता है। यहां से चुनाव में ताल ठोंक रहे हैं पूर्व सीएम हरीश रावत। पहले हरीश रावत को रामनगर से चुनावी मैदान में उतारा गया था। हालांकि, फिर विरोध को देखते हुए उन्हें लालकुंआ सीट से मैदान में उतार दिया। इससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है। यहां हरीश रावत के खिलाफ भाजपा से डा. मोहन सिंह बिष्ट चुनाव लड़ रहे हैं।
  3. हरिद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि कांग्रेस से सतपाल ब्रह्मचारी मैदान में हैं। इस सीट को भाजपा का गढ़ भी कहा जा सकता है। खास बात यहां से मदन कौशिक लगातार चार बार जीते हैं।
  4. पौड़ी जिले की वीआइपी सीटों में शुमार श्रीनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष गणेश गोदियाल और भाजपा से कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत चुनाव लड़ रहे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा के प्रत्‍याशी डा. धन सिंह रावत ने कांग्रेस प्रत्‍याशी गणेश गोदियाल को 8698 वोटों से हराया था। उन्‍हें 30816 वोट मिले थे, जबकि गणेश गोदियाल को 22118 वोट पड़े थे।
  5. देहरादून जिले की इस सीट से विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भाजपा के प्रत्याशी हैं। इसलिए ये सीट वीआइपी सीट में शुमार हैं। इस सीट से कांग्रेस की ओर से जयेंद्र रमोला मैदान में हैं। बात 2017 के चुनावों की करें तो अग्रवाल ने कांग्रेस के राजपाल खरोला को 14,801 मतों से हराया था।
  6. देहरादून जिले की चकराता विधानसभा सीट भी हाट सीटों में शुमार है, क्योंकि यहां से नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा से फेमस सिंगर जुबिन नौटियाल के पिता चुनावी मैदान में हैं। पिछले चार चुनाव (2002, 2007, 2012 और 2017) में प्रीतम सिंह ने लगातार मैदान फतह किया।
  7. ऊधमसिंह नगर जिले की नौ सीटों में से गदरपुर बड़ी और प्रमुख सीट है। ये सीट वीआइपी सीटों में शुमार है। यहां से शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय चुनाव लड़ रहे हैं। वे लगातार दो बार से इस सीट पर जीत हासिल कर चुके हैं। इस बार भी जीत वो हैट्रिक जरूर लगाना चाहेंगे। वहीं, कांग्रेस की ओर से इस सीट पर कांग्रेस ने प्रेमानंद महाजन चुनावी मैदान में हैं, जबकि आम आदमी पार्टी से जरनैल सिंह काली को प्रत्याशी बनाया है।
  8. हरिद्वार ग्रामीण सीट से कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानंद चुनावी मैदान में हैं, जबकि उनके खिलाफ कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प रहने वाला है। 2017 में यहां से भाजपा प्रत्याशी यतीश्वरानंद ने हरीश रावत को शिकस्त दी थी।
  9. पौड़ी गढ़वाल जिले की चौबट्टाखाल सीट को भी हाट सीट कहा जा सकता है। यहां से दिग्गजों में शुमार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज चुनावी मैदान में हैं, जबकि उनके खिलाफ केसर सिंह नेगी मैदान में हैं। 2017 के चुनाव में महाराज ने राजपाल सिंह बिष्ट को 7,354 वोट से हराया।
  10. देहरादून जिले की मसूरी सीट इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां से कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गोदावरी थापली परिवर्तन का नारा देकर पिछली हारों से सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही हैं। इस सबके बीच आप, उक्रांद और निर्दल प्रत्याशी भी भाजपा-कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी कर मुकाबले में आने की कोशिश कर रहे हैं।
  11. टिहरी जिले की नरेंद्रनगर विधानसभा सीट से भाजपा की ओर से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ताल ठोंक रहे हैं। 92 हजार मतदाताओं वाली इस सीट पर कांग्रेस से ओम गोपाल रावत कांग्रेस प्रत्याशी हैं। ये हाल ही में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए।
  12. पौड़ी गढ़वाल जिले की कोटद्वार सीट इसलिए भी खास है, क्योंकि यहां पूर्व सीएम भुवन चंद खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी कोटद्वार से चुनाव लड़ रही हैं। वे 2017 में भाजपा के टिकट से यमकेश्वर विधानसभा से विधायक बनीं। कोटद्वार सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी।
  13. लैंसडौन सीट इसलिए भी खास हो जाती है, क्योंकि इस सीट पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू और मिस ग्रैंड इंटरनेशनल रहीं अनुकृति गुसाईं चुनावी मैदान में हैं। भाजपा से निष्कासित होने के बाद हरक सिंह रावत ने अनुकृति गुंसाई समेत कांग्रेस ज्वाइन की थी। यहां भाजपा से दलीप रावत मैदान में हैं।
  14. ऊधमसिंह नगर जिले में पड़ने वाली बाजपुर सीट से पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य चुनाव लड़ रहे हैं। आर्य हाल ही में अपने बेटे संजीव आर्य के साथ कांग्रेस में शामिल हुए। भाजपा से यहां राजेश कुमार प्रत्याशी हैं। 2012 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई बाजपुर सीट से यशपाल आर्य लगातार दो बार विधानसभा पहुंचे। एक बार कांग्रेस व तो दूसरी बार भाजपा से उन्हें यह मौका मिला।
  15. नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट से कैबिनेट मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस के टिकट पर महेश शर्मा चुनावी मैदान में हैं। साल 2017 की बात करें तो भगत ने कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी को 20,597 मतों से हराया था।
  16. पिथौरागढ़ जिले की डीडीहाट सीट से भाजपा के टिकट पर कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल चुनावी मैदान में हैं। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप सिंह पाल उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी किशन भंडारी को 2,368 मतों से हराया।

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साग़र मलिक उतराखंड प्रभारी(वी वी न्यूज़)

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