वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 16 जुलाई : अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (ए.आई.पी.ई.एफ.) ने देश के केंद्रीय वित्त मंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि विद्युत क्षेत्र के सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए एक समान पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए।
ए.आई.पी.ई.एफ. के प्रवक्ता वी.के. गुप्ता ने बताया कि फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने महासंघ के माध्यम से केन्द्रीय वित्त मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य विद्युत बोर्ड के विखंडन के बाद नवगठित ऊर्जा निगमों में भर्ती विद्युत कर्मचारियों एवं अभियंताओं के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को एक तरफा समाप्त कर दिया गया। पत्र में उल्लेख किया गया है कि विद्युत अधिनियम 2003 में कहीं भी इस बात का उल्लेख नहीं है कि विद्युत बोर्ड के विखंडन के बाद भर्ती विद्युत क्षेत्र के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन नहीं दी जाएगी। राज्यों के विद्युत निगमों में एकरूपता नहीं है। कहीं ई.पी.एफ. लागू है, कहीं सी.पी.एफ. लागू है तो कहीं एन.पी.एस. लागू है। फेडरेशन ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू कर दी है। इस प्रकार विभिन्न राज्यों के ऊर्जा निगमों में इस मामले में एकरूपता नहीं है। तीन प्रांतों में पुरानी पेंशन लागू है और अन्य अलग प्रांतों में सी.पी.एफ., ई.पी.एफ. या एन.पी.एस. लागू है। गुप्ता ने बताया कि फेडरेशन को जानकारी अनुसार केंद्र सरकार एन.पी.एस. के तहत काम करने वाले केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेंशन प्रणाली में बदलाव करने जा रही है। ऐसे में अगर राज्यों के ऊर्जा निगमों में काम करने वाले कर्मचारियों के बीच एक समान प्रणाली लागू नहीं की गई तो बड़ी विसंगतियां पैदा होंगी। प्रवक्ता वी.के. गुप्ता ने कहा कि देश के सभी बिजली निगमों में एकरूपता लाने के लिए यह जरूरी है कि केंद्र सरकार सभी राज्यों को निर्देश जारी करे कि सभी राज्यों में बिजली निगमों में कार्यरत बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के लिए एक समान पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाए।
अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ के प्रवक्ता वी.के. गुप्ता।