मध्य प्रदेश /रीवा /सरकार के सभी सिस्टम फेल हो चुके हैं…. शिव कुमार मिश्रा बाबा..
ब्यूरो चीफ //राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश…8889284934
रीवा 27 अप्रैल 2021 .. समग्र उत्थान पार्टी के सदस्यता प्रभारी शिव कुमार मिश्रा बाबा ने कहा कि बहुत दिनों से आप सबके बीच अपनी बात नही रख पा रहा था, आज मन काफी व्यथित और दुखी है क्योंकि हर रोज कोई न कोई अपने जान पहचान का कोरोना का काल बन रहा है, लेकिन इसके बाद भी फेसबुक या सोशलमीडिया मे तरह तरह की बयान बाजी, हंसी, पक्ष, विपक्ष और तुलनात्मक लेख पढने को मिल रहे है यह बात सही है की जिनसे लगाव होता है उनका पक्ष लिया जाता है लेकिन अव्यवस्था और सच्चाई को भी किनारे कर सिर्फ चाटुकारिता करना क्या उचित है, क्या हम अभी भी पिछली सरकारों की दुहाई देकर अपनी कमियों को छुपाते रहेगे व अपने दायित्वों से पल्ला झाड़ लेगे, क्या परिवार के मुखिया का दायित्व सिर्फ यह कह कर समाप्त हो जाता है की पहले वाला मुखिया ने क्या किया था अगर पहले वाला मुखिया परिवार को सम्भाल लेता तब आप सोचिए क्या आप मुखिया होते शायद नही??? अब मै विंध्य के सबसे बडे हास्पिटल संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय की ओर आप सबका ध्यान ले चलता हूँ , चिकित्सालय के प्रवेश द्वार बंद कर दिये गये क्योंकि मरीजों को रखने के लिए जगह नही है आक्सीजन व वेंटीलेटर नही है, अगर कुछ है भी तो राजनैतिक दलों के चहेतो उनके परिवारों, व सत्ता मे बैठे लोग के लिए बचाकर छुपाकर रख लिए गये है, ऐसा भेदभाव क्यों?? दस वर्षों से चिकित्सालय का आक्सीजन प्लांट क्यों बंद है उसे चालू करने के क्या प्रयास हुए, अगर यह प्लांट चालू होता तो सौ सिलेंडर रोज चिकित्सालय को मिलते रहते, लेकिन इसको चालू करने के लिए क्या आपदा प्रबंधन की बैठक मे चर्चा हुई अगर नही तो क्यों नहीं, इन्ही सब बातो से आम जनमानस मे यह संदेश जाता है की सत्ता मे बैठे लोग आपदा मे अवसर को भुनाने मे लगे है तब समर्थकों को बुरा लगता है, क्यो आप यह नही पूछते की दस से पंद्रह दिनों मे नये आक्सीजन प्लांट शुरू करने का प्रयास तो जोरशोर से जारी है लेकिन पुराने प्लांट की चर्चा क्यों नहीं क्या इसमे कोई बडा खेल है?? मै उन लोगो से पूछना चाहता हूँ की यह जानते हुए की कोरोना की अगली लहर आ सकती है इसके बाद भी आक्सीजन वेंटिलेटर कि व्यवस्था क्यों नही की गई? क्या सिर्फ सत्ता सुख का भोग ही जनता की सेवा है, माननीयों को समझना चाहिए की यह वही जनता है जिनके वजह से आप सत्ता के साथ साथ अलग अलग नामो से पुकारे जाते है तब आपका धर्म नही की इस विपदा मे उसकी सेवा मे तत्पर रहे लेकिन आप तो पक्ष विपक्ष आरोप प्रत्यारोप मे मशगूल है आप भूल गये है की अगर जनता आप के इन कुकर्मो को माफ नही कर पायी तब न विंध्य नायक न विकास पुरुष न विंध्य पुत्र और न आम आदमी के सिपाही कहला पायेगे बल्कि इस बात के लिए तरसेगे की कोई आप लोगो का हाल चाल पूछने आप के पास आ जाये , इसलिए अगर सच्चे मन से कुछ करना चाहते है तो अपने पराये, दल आदि से ऊपर उठकर मानवता की सेवा लिए समर्पित हो जाइये ये मै इसलिए लिख रहा हूँ की चार दिनों से जो मंजर जिले का है वह किसी से छुपा नही लोगों के परिजन काल के गाल मे समा रहे है लेकिन अभावों के कारण कोरोना जीत रहा है , मेरे कई परिचय अब इस दुनिया मे नही है कुछ लोग जिंदगी से जूझ रहे है कोई सहयोग नही कर पा रहा है चिकित्सालयों मे स्थान नही होने की बात की जा रही है,ऐसा लग रहा है जैसे व्यवस्था नाम की कोई चीज रह नही गयी सिर्फ राम जी का सहरा है प्रभु ही लोगों को बचा सकते है, भाषणों मे साथ मरने का दम भरने वाले सभी दलों के माननीय अपनी और अपने सिपहसालारों के साथ विलुप्त से हो गये है, इसलिए अपनी सुरक्षा स्वयं कीजिये अपने संसाधनों और प्रभु कृपा की आश लेकर कोरोना को मात दीजिये जीवन अगर बचा रहा तो हम सब फिर मिलेगे, नकारात्मकता छोड़ सकरात्मकता की ओर बढने की आवश्यकता है!??????
चुप रहु दादू भउसा है, दुअरा लाग बरात ता पगरैतिन का आक्सीजन प्लांट खोलय के आई याद, ये दोनों कहावतें वर्तमान मे चरितार्थ होती दिख रही है, !!
(((भारत माता की जय)))
भवदीय
शिव कुमार मिश्रा बाबा