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कथा व्यास महाराज निर्मोही ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई।
भगवान राम व माता सीता के विवाह का वर्णन किया।
स्वयंवर की कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए।
आलापुर (अम्बेडकर नगर ) | कथा व्यास महाराज माताफेर त्रिपाठी ‘ निर्मोही ‘ ने सीता स्वयंवर की कथा सुनाई। भगवान राम व माता सीता के विवाह का वर्णन किया। स्वयंवर की कथा सुनकर भक्त भाव विभोर हो गए। तहसील क्षेत्र राजेसुल्तानपुर के झारखण्डी महादेव आश्रम राम जानकी मन्दिर फरीदपुर हेठरिया में चल रही श्रीराम कथा में महाराज माता फेर ‘ निर्मोही ‘ ने कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा था। उनके विशालकाय धनुष को कोई भी उठाने की क्षमता नहीं रखता था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते समय धनुष को उठाकर दूसरी जगह रखा। इसे देखकर जनक आश्चर्य चकित हुए,क्योंकि धनुष किसी से उठता नहीं था। राजा ने प्रतिज्ञा कि जो इस धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का स्वयंवर होगा। स्वयंवर की निर्धारित तिथि पर सभी देश के राजा और महाराजाओं को आमंत्रित किया गया। धनुष को उठाने की कोशिश की गई,लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा से श्रीराम ने धनुष उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो वह टूट गया। इसके बाद सीता-राम का विवाह हुआ। कथा के मुख्य यजमान स्वयं बालक दास जी ,हीरालाल त्रिपाठी,त्रिपुरारी चतुर्वेदी आदि बड़ी संख्या में भक्तजन मौजूद रहे ।