नौ जिलों को पीछे छोड़ अंबेडकरनगर की बादशाहत बरकरार
अंबेडकरनगर। विधानसभा चुनाव में अंबेडकरनगर भले ही अपना पुराना इतिहास न तोड़ पाया हो, लेकिन 10 जिलों की 57 सीटों पर उसने लगातार दूसरे चुनाव में अपनी बादशाहत कायम रखी है। वर्ष 2017 में हुए चुनाव में जहां 64.11 प्रतिशत मतदान हुआ था। वहीं इस बार कुल मतदान 63.37 प्रतिशत हुआ है। लगातार दो चुनाव में अंबेडकरनगर जनपद 10 जिलों में शामिल सभी विधानसभा सीटों के चुनाव में अव्वल साबित हुआ है। डीएम सैमुअल पॉल एन व एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि मतदान प्रतिशत और बढ़ता तो बेहतर होता। फिर भी 63 प्रतिशत से अधिक मतदान संतोषजनक है।विधानसभा चुनाव में गुरुवार को हुए मतदान में अंबेडकरनगर के मतदाताओं ने एक बार फिर नौ जनपद के मतदाताओं को पीछे छोड़ दिया है। पांच सीटों के लिए तीन मार्च को हुए मतदान में कुल 18 लाख एक हजार 444 मतदाताओं को मतदान का मौका मिला था। 2075 बूथों पर 9 लाख 44 हजार 701 पुरुष, जबकि 8 लाख 56 हजार 690 महिला मतदाताओं को मतदान करना था। मतदाताओं ने मताधिकार के मौके का जमकर फायदा उठाया।उल्लास व जोश के साथ शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में मतदान का असर यह था कि कुल 10 जनपदों में कराए गए छठे चरण के मतदान में अंबेडकरनगर अव्वल रहा है। इन 10 जनपदों में कुल 57 विधानसभा सीटें शामिल हैं। अंबेडकरनगर के मतदाताओं ने गोरखपुर, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, देवरिया, कुुशीनगर, महाराजगंज, संकबीरनगर व सिद्धार्थनगर जनपद को पीछे छोड़ते हुए 63.37 प्रतिशत मतदान किया है। अन्य कोई भी जनपद इसके आसपास नहीं पहुंच पाया।
वर्ष 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी अंबेडकरनगर ने इन्हीं नौ जनपदों को पीछे छोड़ दिया था। उस समय अंबेडकरनगर ने 64 प्रतिशत से अधिक मतदान किया था। तब सिर्फ महाराजगंज जनपद ने 62 प्रतिशत से अधिक मतदान किया था, जबकि अन्य जनपद 60 प्रतिशत से नीचे रह गए थे। ऐसे में इस बार भी लगातार दूसरे सामान्य चुनाव में अंबेडकरनगर जनपद के मतदाताओं ने सभी 10 जनपदों में अपनी बादशाहत कायम रखने की बढ़ी सफलता पाई है।