फारबिसगंज में अनंत चतुर्दशी पर्व धूम-धाम से मनाई गई
फारबिसगंज (अररिया) से मो माजिद
फारबिसगंज के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया गया. इसे अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा-अर्चना की गई. साथ ही इस दिन गणेश उत्सव का समापन हुआ. अनंत चतुर्दशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है.इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व रविवार को मनाया गया. अनंत चतुर्दशी के दिन लोग भगवान विष्णु का व्रत रखते हुए, उनका पूजन करते हैं और अपने हाथ में लम्बी आयु तथा सभी बाधाओं से मुक्ति का अनंत सूत्र बांधे. इस बार पंचांग के अनुसार इस साल अनंत चतुर्दशी का पर्व 19 सितंबर को पड़ा.अनंत चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान आदि निवृत्त हो कर पूजा स्थल पर एक कलश की स्थापना की गई. इस कलश पर एक धातु का पात्र रख कर उस पर कुश से भगवान अनंत की स्थापना की गई. भगवान विष्णु के शेष नाग को ही अनंत कहा जाता है.आज के दिन उनकी पूजा का विधान है.अनंत भगवान को सूत या रेशम के धागे को हल्दी या केसर से रंग कर उसमें चौदह गांठ लगाएं. इस अनंत सूत्र को भगवान को समर्पित कर पंचोपचार या षोढ़शोपचार विधि से पूजन किया गया. पूजा को लेकर विभिन्न मंदिरों में भक्तों की भीड़ सुबह से ही देखी गई. इस दिन अनंत चतुर्दशी की व्रत कथा एवं विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करना विशेष फलदायी माना जाता है. पूजन के बाद दीर्ध आयु और समस्त कष्टों के निवारण के लिए अनंत सूत्र को हाथ में बांधा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु का व्रत करने से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं.