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कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने नवनियुक्त सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. पीके वाजपेयी को दी बधाई।
कुवि सांस्कृतिक परिषद संस्कृति के उत्थान के लिए निभा रही है अहम् भूमिकाः प्रो. सोमनाथ।
कुरुक्षेत्र, 9 नवम्बर :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक परिषद की वार्षिक बैठक मंगलवार को कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा की अध्यक्षता में सीनेट हॉल में सम्पन्न हुई। इस मौके पर कुलपति ने कहा कि सांस्कृतिक परिषद संस्कृति के उत्थान में अहम् भूमिका निभा रही है। उन्होंने इस बात पर भी विशेष जोर डाला कि आने वाले समय में विद्यार्थियों को वेब सीरीज, साहित्यिक कार्यशाला, ललित कला कार्यशाला में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए और सभी को मिलकर अपनी भारतीय संस्कृति को बचाने का प्रयास करना चाहिए।
बैठक में सर्वसम्मति से चुनाव अधिकारी प्रो. डीएस राणा के निर्देशन में सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ जिसमें महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार वाजपेयी को सर्वसम्मति से कुवि सांस्कृतिक परिषद का अध्यक्ष चुना गया। उपाध्यक्ष पद पर आर्य पीजी कॉलेज पानीपत के संस्कृत के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रामनिवास, सदस्य के तौर पर डीएवी कॉलेज सढ़ौरा के प्राचार्य डॉ. रणपाल सिंह, आर्य पीजी कॉलेज के डॉ. जगदीश गुप्ता, डीएवी कॉलेज करनाल के डॉ. आरपी सैनी, सोहन लाल डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विवेक कोहली व कल्चरल इंचार्ज डॉ. अशोक, डॉ. प्रेम को सर्वसम्मति से चुना गया। कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने नवनियुक्त सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. पीके वाजपेयी सहित उपाध्यक्ष व सभी सदस्यों को बधाई दी। बैठक के समापन सत्र में सांस्कृतिक परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. कामदेव झा को सम्मानित किया गया। युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक व सांस्कृतिक परिषद के सचिव डॉ. महासिंह पूनिया ने सत्र 2021-22 के लिए बजट प्रस्तुत किया व इसके साथ ही कुवि की भावी सांस्कृतिक योजनाओं का प्रारूप भी प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इस वर्ष लूर नृत्य की कार्यशाला, हरियाणवी गजल व रसिया समूह नृत्य की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। डॉ. गुरचरण सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. ब्रजेश साहनी, डॉ. बिन्दु, डॉ. रामविरंजन, डॉ. विवेक चावला, डॉ. डेजी वालिया, जनार्धन शर्मा, डॉ. पवन आर्य व विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य मौजूद थे।