नूरमहल आश्रम के चप्पे-चप्पे पर लाखों की तादाद में आई हुई संगत एवं श्रद्धालु गणों के स्वागत के लिए शुभकामनाओं के साथ सेवादार रहे तैनात
फिरोजपुर नूरमहल 14 जुलाई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}:=
गुरु पूजा आन्तरिक जाग्रति व एक आध्यात्मिक संदेश लाती है। इसकी एक ही गूंज है- उठो, जागो और साधना करो। ऐसी साधना करो कि तुम्हारा लक्ष्य परमात्मा खुद तुम्हारे सामने आ जाए और आकर तुम्हारा वरण करे। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान नूरमहल द्वारा आयोजित वर्ष का मुकुटमुणि दिवस श्री गुरुपूर्णिमा महोत्सव इसी परिभाषा को पूरी तरह सत्य सिद्घ करता है। श्री आशुतोष महाराज जी की असीम प्ररेणा व कृपाहस्त तले गुरुपूर्णिमा का पर्व 13 जुलाई 2022 को स्वर्णिम श्रृंखला की एक कड़ी बनकर विशालस्तरीय एवं भव्य आगमन के साथ पूर्ण हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।आयोजन के तहत नूरमहल आश्रम के चप्पे-चप्पे पर लाखों की तदाद में आई हुई संगत एवं श्रदालुगणों के स्वागत के लिए शुभकामनाओं के साथ सेवादार तैनात थे। सकल आश्रम का भारतीय कलाकृतियों के साथ साज-शंगार किया गया।इसी गरिमाशाली परिवेश के बीच भारतीय संस्कृति के अंतर्गत गुरूपूर्णिमा का शुभारंभ रुद्री पाठ के साथ किया।वेद मंत्रों के मंगल गान से संपूर्ण वातावरण शुभ्र तरंगों के साथ अभिमंत्रित हो गया। इसी शुभ्रता के बीच क्रेन्द्रबिन्दु ऋषि या गुरु के श्री चरणों में नमन अर्पित करते हुए गुरू महाराज जी की पावन आरती की गई।
कार्यक्रम की अभिव्यक्ति में स्वामी चिन्मयानंद जी ने बताया कि आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरू पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है।युगों पूर्व आज ही के दिन ही वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए उनके शिष्यों ने उनके जन्मदिवस को ही गुरू पूजा के लिए चुना। जिस कारण इसे व्यास-पूर्णिमा भी कहा जाता है। उन्होंने बताया कि गुरु शिष्य के जीवन में उसका सर्वस्व होते हैं।इसलिए एक शिष्य अपने भगवान से पहले अपने गुरु की पूजा करता है।
साध्वी मनसविनी भारती जी ने बताया कि आज के दिन भक्तों के हृदय में बहुत ही उत्साह व उमंग होती है।क्योंकि आज के दिन सभी शुभ दिवसों और पर्वों का केसर एक साथ बरसता है। उन्होंने बताया कि जन्म के समय तो एक जीवन मिला था, लेकिन आज उनका दिन है, जिन्होंने जन्म को पूर्णता दी है। सत्संग समागम के दौरान स्वामी गुरुकृपानंद जी ने बताया कि दीपावली के दिन हम मिट्टी के दीये जलाते हैं।
लेकिन आज उनका दिन है, जिन्होंने हमारे अंत:करण को दिव्य दीपावली से जगमगा दिया। होली के दिन तो हम कच्चे रंग लगाते हैं लेकिन आज उनका दिन है जिन्होंने हमारे तन, मन और संपूर्ण जीवन को भक्ति के मजीठ रंग में रंग दिया।
साध्वी वैष्णवी भारती जी ने बताया कि हम कितने सौभाग्यशाली कि उस आलौकिक मार्ग पर चल रहे हैं जो आने वाले इतिहास की भूमिका तैयार कर रहा है। दिव्य गुरु का लक्ष्य तो अपने आप मे ही पूर्ण होता है, परन्तु इस लक्ष्य का भागीदार बनने के लिए उन्होंने हमारा चुनाव किया है। इसलिए हमें स्वयं को संभालकर निरंतर इस मार्ग पर आगे बढऩा है। इसी के साथ ही महाराज श्री के संगीतकार एवं वादक शिष्यों के भावमयी एवं उत्साहवर्धक भजनों से सम्पूर्ण पंडाल जय श्री राम, जय गुरुदेव के जयकारों से गुंजायमान हो आध्यात्मिक सुरभि से महकते कार्यक्रम में निम्नलिखित विशिष्ट अतिथियों ने भी शिरकत की।विजय सांपला जी(राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग भारत सरकार),लाल चंद कटारुचक (कैबिनेट मंत्री) पंजाब सरकार ,रवनीत बिट्टू जी (सांसद),ब्रह्म मोहिंद्रा (पूर्व कैबिनेट मंत्री सरकार पंजाब),
बलबीर सिद्धू (पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब सरकार),हेमंत द्विवेदी जी (पूर्व राज्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार),सोम प्रकाश राज्य मंत्री भारतसरकार,
राज कुमार चब्बेवाल जी विधायक (चब्बेवाल),
गुरलाल घनौर( विधायक घनौर), इंद्रजीत कौर मान(विधायक नकोदर),प्रमोद जी (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ उत्तरी क्षेत्र समरसता प्रमुख), डा. रवजोत विधायक, सुरिंदर पाल सिंह (मेयर होशियारपुर), डा. सिकंदर (राज्यसभा सांसद हि. प्र.), राकेश राठौर (उपाध्यक्ष भाजपा पंजाब), स. बलविंदर सिंह धालीवाल (विधायक),
नरेश कटारिया (विधायक जीरा),पदमश्री अर्जुन अवॉर्डी करतार सिंह पहलवान, राज बहादुर (कुलपति बाबा फरीद युनिवर्सिटी फरीदकोट),गौरव कक्कड़, श्रीमती सुनीता गर्ग (सैक्टरी भाजपा पंजाब) श्री दविंदर बजाज इंचार्ज लोकल बॉडी सेल पंजाब (फिरोजपुर) ने विशेष रूप से हिस्सा लिया ।