उत्तराखंड:IMA में कैडेटों के बीच हुई मारपीट की घटनाओं को सेना ने गंभीरता से लिया


प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक

भारतीय सेना अपने अनुशासन के लिए जानी जाती है और अनुशासनहीनता सेना में कभी भी बर्दाश्त नहीं की जाती ऐसे में भारतीय सैन्य अकादमी में कैडेटों के बीच कुछ महीने पहले हुई मारपीट की घटनाओं को सेना ने बड़ी गंभीरता से लिया है इसमे जहाँ कैडेटों पर तो कार्यवाही हो ही रही है वही कर्नल रैंक के एक अधिकारी करियप्पा बटालियन कमांडर को कई चूक के लिए दोषी ठहराया गया है।

सेना ने कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून में जेंटलमैन कैडेट्स  के प्रशिक्षण में शामिल इन सैन्य अधिकारियों को प्रशासनिक सजा क्यों नहीं दी जाए जिसमें कर्नल रैंक के एक बटालियन कमांडर भी शामिल हैं। सेना ने दो समूहों के बीच एक विवाद के बाद ताजिकिस्तान के छह विदेशी जीसी और चार भारतीय जीसी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए है।
मामला इस साल 24 फरवरी, 2 मार्च और 3 मार्च को आईएमए में हुई तीन घटनाओं से जुड़ा है। सेना ने घटनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की और करियप्पा बटालियन और हाजीपीर कंपनी के अधिकारियों के आचरण में कमी पाई गई।इसके फल स्वरूप मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी ने  अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है जो अधिकारियों के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज एक प्रशासनिक दंड है।
कर्नल रैंक के एक अधिकारी करियप्पा बटालियन कमांडर को  चूक के लिए दोषी ठहराया गया है। इनमें तीन घटनाओं के प्रभाव और दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में “संवेदनशीलता और समझ की कमी” प्रदर्शित करना शामिल है। सूत्रों का कहना है कि अधिकारी ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि ताजिक कैडेटों के अनियंत्रित आचरण के लिए उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया जा रहा है।

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