हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161 91877
विश्व संगीत दिवस के अवसर पर कला कीर्ति भवन में आयोजित हुआ रागनी कार्यक्रम।
भरण गई थी नीर राम की सूं, जमना जी के तीर राम की सूं…………
कुरुक्षेत्र 22 जून : संगीत का जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। संगीत के बिना जीवन अधुरा माना जाता है। संगीत न केवल मनोरंजन का साधन माना जाता है, बल्कि संगीत से जीवन रंगीन और आनंदमय बनता है। भारतीय संगीत विविधता में बहुत धनी है, जिनमें शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, पॉप म्यूजिक, फिल्मी संगीत शामिल हैं। संगीत के बिना मानव जीवन की कल्पना करना नामुमकिन लगता है। ये कहना था हरियाणा कला परिषद के निदेशक नागेंद्र शर्मा का। वे विश्व संगीत दिवस के अवसर पर हरियाणा कला परिषद द्वारा कला कीर्ति भवन के प्रांगण में आयोजित रागनी और सारंगीवादन कार्यक्रम के दौरान लोगों को सम्बोंधित कर रहे थे। भिवानी से लोकगायक इंद्र सिंह लाम्बा और उनकी टीम द्वारा विश्व संगीत दिवस के अवसर पर प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्जवलित कर की गई। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिफा सदस्य चंद्रशेखर शर्मा, लोक कलाकार मनोज जाले, रंगकर्मी शिवकुमार किरमच आदि भी शामिल रहे। नागेंद्र शर्मा ने पुष्पगुच्छ भेंटकर कलाकारों का स्वागत किया। मंच का संचालन विकास शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति सारंगीवादन की रही, जिसमें इंद्र सिंह लाम्बा की पूरी टीम ने सारंगी पर विभिन्न धुनों सुनाकर लोगों का मनोरंजन किया। इतना ही नहीं कलाकारों ने सारंगी के इतिहास के बारे में भी श्रोताओं को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सारंगी 600 साल पुराना साज है, जिसे लोक कलाकार सहेजकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं दूसरी प्रस्तुति में कलाकारों ने रागनी प्रस्तुत करते हुए वाहवाही बटौरी। मैं भरण गई थी नीर राम की सूं, जमना जी के तीर राम की सूं रागनी जैसे की कलाकारों ने शुरु की, तालियों की गड़गड़ाहट से माहौल खुशनूमां हो गया। गंगा जी तेरे खेत में जैसी रागनी से भी इंद्र लाम्बा ने सभी को आनंदित किया। इतना ही नहीं जगत में कोई ना परमानैंट जैसे लोकगीत के माध्यम से इंद्र सिंह की पूरी टीम ने सभी का भरपूर मनोरंजन किया। जो देवे धोखा यार नै वो यार नहीं और गोकुलगढ से चाली रे गुजरिया वा ही गुजरिया मेरे मन में बसी जैसे गीतों ने भी लोगों की भरपूर वाहवाही बटौरी। इसके अलावा लोगों की फरमाईश पर भी इंद्र सिंह ने कईं रागनियां प्रस्तुत की। अंत में हरियाणा कला परिषद की ओर से कलाकारों को सम्मानित किया गया। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में प्रेमचंद, हरिकेश, राजेंद्र, इंद्र किठाना, कृष्ण कुमार, पवन कुमार, सन्नी लाम्बा आदि शामिल रहे। इसके अलावा हरियाणा कला परिषद द्वारा सैनी समाज भवन में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। सिंधु दर्शन यात्रा के शुभारम्भ अवसर पर हरियाणा कला परिषद की ओर से हरविंद्र राणा और उनकी टीम ने हरियाणवी संस्कृति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।