श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का मॉडल अपनाएगी आसाम स्किल यूनिवर्सिटी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

एक सप्ताह का प्रशिक्षण लेने दुधौला परिसर पहुंचा आसाम स्किल यूनिवर्सिटी का 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल।
कुलपित डॉ. राज नेहरू ने साझा किए देश के पहले राजकीय कौशल विश्वविद्यालय के निर्माण के अनुभव।

पलवल : आसाम स्किल यूनिवर्सिटी श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की तर्ज पर अपना मॉडल विकसित करेगी। इसी कड़ी में सोमवार को आसाम स्किल यूनिवर्सिटी के 14 अधिकारियों और शिक्षकों का एक दल दुधौला
स्थित विश्वविद्यालय परिसर पहुंचा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ उन्हें एक सप्ताह का प्रशिक्षण देंगे। आसाम के अधिकारी स्किल एजुकेशन के मॉडल की अवधारणा और कार्यशैली का अध्ययन करेंगे। देश का पहला राजकीय कौशल विश्वविद्यालय होने के नाते श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल एजुकेशन का लोकप्रिय मॉडल बना हुआ है। अधिकतर कौशल विश्वविद्यालय इसी मॉडल को लागू कर रहे हैं।
यहां पहुंचने पर आसाम के 14 सदस्यीय दल का भव्य स्वागत किया गया। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने इस प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न आयामों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज पूरे देश के युवाओं को स्किल की आवश्यकता है। आसाम को अपने युवाओं की अभिरुचि, इंडस्ट्री और कॉरपोरेट के आवश्यकताओं को चिन्हित करके जॉब रोल तैयार करने होंगे। डॉ. राज नेहरू ने कहा इसके लिए आसाम की इंडस्ट्री का एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और साथ ही युवाओं को भी इस सर्वेक्षण में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने आसाम के प्रतिनिधियों को स्किल एजुकेशन के दोहरे मॉडल को समझाते हुए ऑन द जॉब ट्रेनिंग का महत्व बताया। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि स्किल एजुकेशन के हमारे मॉडल में प्रोग्राम बनाने से लेकर पाठ्यक्रम निर्धारित करने और विद्यार्थियों के दाखिले करने तक की प्रक्रिया में इंडस्ट्री की भूमिका है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा का उल्लेख करते हुए इंडस्ट्री के अनुसार प्रतिभा खोजने और विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने मैपिंग करके युवाओं को जॉब रोल के अनुसार समायोजित करने का सुझाव दिया।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने आसाम से प्रतिनिधिमंडल को विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और रूप रेखा की जानकारी दी। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि नए विश्वविद्यालय की चुनौतियों को पहचान कर अपनी प्राथमिकताएं तय करनी होंगी। उन्होंने आसाम से आए प्रतिनिधिमंडल के साथ कई प्रशासनिक अनुभव साझा किए।
विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने विभिन्न शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म प्रोग्राम के विषय में विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर राठौड़ ने कहा कि इंडस्ट्री इंटीग्रेटेड प्रोग्राम के माध्यम से युवाओं को सीधा रोजगार के साथ जोड़ा जा सकता है।
आसाम स्किल यूनिवर्सिटी से आए दल में प्रोफेसर मनोज कुमार देका, डॉ. शुभजीत दास, किशोर ज्योति देका, रिजवान सिद्दिक चौधरी, डॉ. दीप ज्योति गुरंग, डॉ. शिखा रानी बाईश्या, डॉ. कमलेश्वर बोरो, विभूति भारद्वाज, डॉ. बिश्वदीप भराली, मृगन शर्मा, डॉ. अब्दुल हन्नान, बिप्लाव शर्मा, बर्षेन्य तालुकदार, डॉ. कश्यप महंता शामिल हैं।
बैठक में डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, डॉ. श्रुति गुप्ता, डॉ. सविता शर्मा, डॉ. संजय सिंह राठौर, डॉ. मनी कंवर सिंह, डिप्टी डायरेक्टर अमीष अमेय, ओएसडी संजीव तायल, डिप्टी प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. विकास भदोरिया और डॉ. वैशाली माहेश्वरी भी उपस्थित थे।
आसाम स्किल यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू।

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