“हार्ट अटैक के ज्योतिषीय कारण,उचित समय पर निदान से ही जीवन संभव।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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Astrological Reason For Heart 💔 attack”
कुरुक्षेत्र :- आमतौर पर हृदयाघात ( हार्ट अटैक ) या दिल के दौरे के रूप में जाना जाता है, जिसके तहत दिल के कुछ भागों में रक्त संचार में बाधा होती है, जिससे दिल की कोशिकाएं मर जाती हैं। यह आमतौर पर कमजोर धमनीकलाकाठिन्य पट्टिका के विदारण के बाद परिहृद्-धमनी के रोध (रूकावट) के कारण होता है।
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दिल के दौरे से हर 33 सेकेंड में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। भारत में हर साल करीब 20 लाख लोग दिल के दौरे से पीड़ित हैं, जिनमें ज़्यादातर युवा हैं।
ज्योतिष शास्त्र अनुसार कालपुरूष के हृदय का स्थान चतुर्थ स्थान है तथा हृदय का कारक ग्रह सूर्य है। इसलिए चतुर्थ स्थान, चतुर्थेश तथा हृदय का कारक ग्रह सूर्य है इसलिए चतुर्थ स्थान, चतुर्थ स्थान का स्वामी तथा हृदय के कारक सूर्य पर लग्न कुंडली में कौन से क्रूर प्रभाव हैं उस क्रूर ग्रह का रत्न तो जातक ने नहीं पहना हे।
ज्योतिषी कारण में लग्नेश लग्न का निर्बल होना गुरु ग्रह की स्थिति क्रूर पापी ग्रह की दशा डिग्री दृस्टि वर्षफल गोचर काफी गहन सूक्ष्म प्रकार से जन्मपत्री कंसल्टेंसी के द्वारा ही कारण का विवेचन ज्योतिष करता हैं।