सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मथुरा : राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 स्थित सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज मोहम्मद इकरार का यूरोलॉजिस्ट डॉ. शिवकुमार चाहर और उनकी टीम ने डायलिसिस के लिए सफलतापूर्वक एवी फिस्टुला बनाया है।अब डायलिसिस मरीजों को फिस्टुला के लिए कहीं बाहर नहीं जाना होगा, क्योंकि सिम्स हॉस्पिटल में किडनी की सभी समस्याओं का विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध है।
सिम्स हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. शिव कुमार चाहर ने कहा कि क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मोहम्मद इकरार को वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आशीष शर्मा ने फिस्टुला के लिए हमारे पास भेजा। जरूरी जाँच करने बाद हमने मरीज को बताया कि हम डायलिसिस के लिए फिस्टुला बना सकते है। हमने अपनी टीम के साथ इनका फिस्टुला बनाया जो बहुत अच्छा बना। फिर हमने परीक्षण के लिए इनका कलर डॉप्लर किया। जिसके बाद अब फिस्टुला का फैलाब ठीक है और रक्त प्रवाह की गति भी अच्छी है। अब कुछ दिनों के बाद ये फिस्टुला के द्वारा अपना डायलिसिस करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं यही सन्देश देना चाहुँगा कि अगर किसी को क्रोनिक किडनी डिजीज है या दोनों किडनियाँ खराब हो गयी हैं और मरीज डायलिसिस पर है, तो उनको फिस्टुला की सर्जरी और फिस्टुला बनवाने के लिए मथुरा से बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है।
सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के चेयरमैन डॉ. गौरव भारद्वाज ने कहा कि सिम्स है तो मुमकिन है। सिम्स में किडनी की सभी बीमारियों का विश्वस्तरीय इलाज उपलब्ध है। अनुभवी नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. आशीष शर्मा और वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. शिव कुमार चाहर मरीजों को प्रतिदिन बेहतरीन इलाज दे रहे है। सिम्स में किडनी मरीजों को जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा भी उपलब्ध होगी।