आयुष्मान कार्ड स्वस्थ्य शरीर,सुखी जीवन का आधार:डा.सलोनिया

आयुष्मान कार्ड स्वस्थ्य शरीर,सुखी जीवन का आधार:डा.सलोनिया

योजना के तहत जिले में लगभग बारह हजार लोगों को मिला नि:शुल्क बेहतर इलाज
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✍️ कन्नौज, जिला संवाददाता प्रशांत त्रिवेदी*

जब इंसान को अचानक बीमारी घेर ले और जेब में फूटी कौड़ी तक न हो तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह  बीमार व्यक्ति अपना जीवन कैसे बचा पाएगा। लेकिन सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान योजना ऐसे अनेक लोगों के लिए संजीवनी बनी और उनका जीवन बचा लिया। उन्हीं में से एक हैं कन्नौज जिले के अशोक नगर तिर्वा में रहने वाली 24 वर्षीय आराधना। 

आराधना बताती है कि कुछ दिनों पहले मुझे अचानक बुखार आया साथ ही गंभीर पेट दर्द और उल्टियां होने लगी थी। जांच में पता चला कि उनके पेट संक्रमण व पथरी है। परिवार में माता-पिता के साथ ही दो भाई बहन है। घर में पैसों की तंगी भी है। ऐसे में अच्छे अस्पताल में इलाज की सोच भी नहीं सकती थी। 

वह बताती है कि मुझे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के बारे में पता था,और आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए एक पत्र भी आया था। लेकिन मैंने आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया था। बीमारी का पता चलने के बाद मैं तुरन्त ही अपने क्षेत्र की आशा दीदी से मिली और उनके साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपने साथ-साथ परिवार के सभी सदस्यों का आयुष्मान कार्ड बनवाया। आयुष्मान कार्ड के दम पर निजी चिकित्सालय में निःशुल्क ईलाज हुआ। आज मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं।

आराधना कहती है कि आयुष्मान कार्ड हमारे पास नहीं होता तो परिवार वालों को कहीं से कर्ज या कुछ गिरवी रखकर इलाज कराना पड़ता। सरकार की इस योजना से  मेरा परिवार इस बोझ से बच गया। यह योजना गरीबों के लिए बहुत लाभकारी है।
ऐसे ही एक शख्स है उमर्दा ब्लाक के ग्राम अगौस निवासी 48वर्षीय मुनेश शाक्य बताते है कि जब उन्हें लगभग आठ माह पहले पता कि वह पेट में संक्रमण होने की गंभीर बीमारी से ग्रस्त है।तो एक झटका सा लगा। दिमाग में एक अजीब सी बैजेनी थी। मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन करने वाले की आमदनी इतनी ही होती है। जिससें वह परिवार की जरूरत को पूरा कर सकें। ऐसी परिस्थिति में कोई बीमारी घेर लें तो बहुत समस्या आ जाती है। लेकिन हमें कोई दिक्कत नहीं हुई। क्योंकि ऐसी विपत्तियों के लिए मेरे पास आयुष्मान कार्ड था। जिसके बदौलत कुछ दिन आर.एस.चिकित्सालय तिर्वा में इलाज कराने के बाद संतोषजनक लाभ नही मिलने पर आयुष्मान कार्ड लेकर बेटे के साथ माया हास्पिटल फर्रूखाबाद गया।तो तुरन्त भर्ती कर मेरा मुफ्त इलाज हुआ,और मुझे नया जीवन मिला।

आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी  डा.जे.पी.सलोनिया बताते हैं कि कि आयुष्मान कार्ड के माध्यम से जिले के सभी सरकारी व 14 निजी अस्पतालों के साथ-साथ देश के बेहतर से बेहतर अस्पतालों में भी आय़ुष्मान कार्डधारकों का इलाज किया जाता है। इसलिए जिनलोगों का अभी कार्ड नहीं बना है। वे अपने नजदीकी सीएचसी,जनसेवा केंद्र या आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क कर कार्ड बनवा लें। ताकि आवश्यकता पड़ने पर नि: शुल्क इलाज का लाभ मिल सकें।इस योजना का लाभ किसी भी उम्र के लोग ले सकते हैं। जिले में लगभग बारह हजार लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ लिया जिससे उनके परिवार की खुशियां कायम है।

डा.सलोनिया के मुताबिक जिन लोगों के पास पीएम लेटर आया है, उनका बहुत ही आसानी से कार्ड बनाया जा रहा है। साथ ही जिन लोगों को पीएम लेटर नहीं भी आया है, और वे योजना के योग्य हैं तो उनका भी कार्ड बनने में कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए पात्र लाभार्थी का नाम योजना सूची में होना चाहिए साथ में अपना आधार कार्ड लेकर अपने नजदीकी सीएचसी,जनसेवा केंद्र आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करें। अगर आप इस योजना के पात्र होंगे तो तत्काल आपका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा। 

जिले में आयुष्मान योजना की स्थिति 

कुल लाभार्थी -6,59,117

कुल बने आयुष्मान कार्ड -1,73,456

कुल लाभार्थी (जिनका नि: शुल्क इलाज हुआ)-11,918

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