आज़मगढ़: आशा संगिनी कंचन पांडे बनीं समुदाय में मसीहा

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

आशा संगिनी कंचन पांडे बनीं समुदाय में मसीहा।

परिवार नियोजन कार्यक्रम में आशा संगिनी की भूमिका अहम परिवार नियोजन से सबंधित स्थाई व अस्थाई नसबंदी के बारे में करती हैं जागरूक।

आजमगढ़।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आई एन तिवारी ने बताया की जिले में सरकार द्वारा संचालित परिवार नियोजन कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, टीकाकरण सहित अन्य योजनाओं के प्रति समुदाय को प्रेरित करने में आशा कार्यकर्ता जुटी हैं। इनका कार्यक्रम में सराहनीय योगदान रहता है।
जिला कम्यूनिटी प्रोसेस प्रबन्धक विपिन पाठक ने बताया कि बिना आशा या आशा संगिनी कार्यकर्ता के सहयोग के बिना परिवार नियोजन कार्यक्रमों का संचालन कठिन है। आशा के बदौलत ही सेवाएं बेहतर हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का काम “आशा” संगिनी कार्यकर्ता बखूबी कर रही हैं। इस समय जिले में कुल 3980 आशा और कुल 156 आशा संगिनी कार्य कर रही हैं।ब्लॉक अतरौलिया की आशा संगिनी कंचन पांडे ने बताया कि अपने प्रयासों से लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रही हूँ।इसका फायदा यह हुआ है कि अब उस क्षेत्र के सभी लोग न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। बल्कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या एवं परिवार नियोजन का साधन अपनाने के लिए बिना हिचक के हम आशाओं से सहायता लेते हैं। परिवार नियोजन का कार्यक्रम तभी सफल है, जब हम अपने ब्लॉक की कुल 22 आशा बहनों के साथ बैठक (वीएचएनडी) ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस व (एचबीएनसी) नवजात शिशु आधारित गृह भ्रमण और माताओं की बैठक करती हूँ। इस बैठक में परिवार नियोजन से सबंधित स्थाई व अस्थाई नसबंदी के बारे में जागरूक करती हूँ। जिसमें स्थाई नसबंदी में पुरुष नसबंदी व महिला नसबंदी एवं अस्थाई नसबंदी में कंडोम, माला एन, छाया, अंतरा इन सभी साधन के बारे में विस्तार से लोगों को समझाया जाता है कि कौन सी गोली कब खानी है।इंजेक्शन कैसे और कब लगवाना है। आशा द्वारा दंपत्ति को पूरी जानकारी देने के बाद, सभी को अमल में लाने के लिए अनुरोध करती हैं। हमारे कार्य करने का उद्देश सिर्फ एक ही है मातृ मृत्यु-दर और शिशु मृत्यु-दर को कम करना जिसमें परिवार नियोजन की अहम भूमिका है। परिवार नियोजन सुविधा व जानकारी के अभाव में कई माताएं गलत कदम उठा लेती हैं और जान से हाथ धो लेती हैं।
इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए सरकार द्वारा चलाए जाने वाले प्रोग्राम जैसे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना समिति की बैठक, माता बैठक, आशा कलस्टर बैठक यह ऐसे मंच हैं जिससे लोगों को जागरूक कर परिवार नियोजन से सबंधित पर खुल कर चर्चा कर उन्हें जानकारी देती हूँ।मैंने 22 आशाओं की निगरानी द्वारा पिछले वर्ष में कुल 40 महिला नसबंदी,12 अंतरा,10 छाया, 45 पीपीआईसीडी, 90 कंडोम की सुविधा व साधन का वितरण कर महिलाओं को छोटा परिवार, खुशहाल परिवार के प्रति प्रेरित कर रही हैं।लाभार्थी- गाँव रतूआपार 25 वर्षीय सरिता ने कहा मेरे दो बच्चे है, मजदूरी कर घर चला रहें हैं। आशा दीदी ने समझाया कि जब खुद स्वस्थ रहेंगे तभी परिवार स्वस्थ और खुशहाल रहेगा।जिसके लिए नसबंदी बहुत जरूरी है।आशा दीदी ने नसबंदी करवाई, कोई परेशानी नहीं है, घर और बाहर का सारा काम कर रहीं हूं।
चाँदनी सिंह 25 वर्षीय ने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं, और बच्चे नहीं चाहतीं थी।आशा दीदी कि मदद से निःशुल्क नसबंदी कराई, किसी भी प्रकार की कोई भी दिक्कत नहीं है।

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