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रिर्पोट पदमाकर पाठक
31 जुलाई तक चलेगा संचारी रोग नियंत्रण अभियान।16 से 31 जुलाई तक चलेगा दस्तक अभियान
होगी टीबी रोगियों की खोज और चिन्हित किये जायेंगे कुपोषित बच्चे घर के आस-पास रखें साफ-सफाई, करें मच्छरदानी का प्रयोग।
आजमगढ़।जिले में संचारी रोग नियंत्रण माह एक जुलाई से 31 जुलाई तक चलाया जायेगा| विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह के अंतर्गत जनपद में विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जायेंगी।एक से 15 जुलाई तक विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जायेगा।यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आईएन तिवारी ने बताया कि जनपद में शहरी और ब्लॉक स्तरीय क्षेत्रों में निर्देश दे दिये गए हैं।विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक अभियान को लेकर लापरवाही न बरती जाये।अभियान से पहले स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण पूरा कर किया गया है।जो क्षेत्र मच्छर जनित रोगों के मामले में संवेदनशील हैं, उन पर विभागीय टीम द्वारा विशेष निगरानी की जाएगी| संचारी रोग अभियान के दौरान डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार जैसी बीमारियों को रोकना है।एवं सही समय पर बुखार की जांच कर मरीज को इलाज उपलब्ध कराना है।जिला मलेरिया अधिकारी शेषधर द्विवेदी ने बताया कि जनपद में संचारी रोग नियंत्रण माह एक से 31 जुलाई तक एवं 16 से 31 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा।इसमें फागिंग मशीन, लार्वा साईडर पंप आदि उपकरणों को रखा गया है।अभियान को सफल बनाने के लिए संचारी रोग नियंत्रण माह एवं दस्तक अभियान के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने वार्ड के हिसाब से तैयारी पूरी कर ली है।इसके तहत गठित घर-घर जा कर दवा खिलाएगी।साथ ही छूटे हुए लोगों उसी दिन शाम को दवा खिलाएगी।दस्तक अभियान के तहत कोविड-19 के नियमों के पालन हेतु जागरूक करने लिए 2 गज मानव दूरी बहुत है जरूरी।खाने या पीने के पहले शौच के बाद साबुन से हाथों की सफाई साथ ही कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है इसलिए मास्क की अनिवार्यता एवं लोगों को मलेरिया, डेंगू से बचाव के बारे में बेहतर तरीके से जागरूक किया जायेगा।
(डीएमओ) शेषधर द्विवेदी ने कहा कि दस्तक अभियान में आशा कार्यकर्ता तथा आंगनबाड़ी द्वारा घर-घर जाकर लोगों को संचारी रोगों से बचाव के उपाय, लक्षण एवं निकटतम स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी व सुविधा उपलब्ध करायेंगी।साथ ही घर के भीतर या आस-पास गंदा पानी जमा न रहने की जानकारी भी देंगी।इस दौरान आशा कार्यकर्त्ताओं द्वारा दिमागी बुखार के लक्षणों एवं उपचार के विषय में समुदाय को जागरूक किया जाएगा।आशा द्वारा घरों के अंदर प्रवेश कर मच्छरों के पैदा होने वाली परिस्थितियों का निरिक्षण एवं मलेरिया जाँच कर सुविधा उपलब्ध कराएगी।साथ ही आशा कार्यकर्ता द्वारा बुखार के अतिरिक्त खांसी तथा सांस लेने में परेशानी की शिकायत वाले रोगियों को भी चिन्हित कर उन्हें कोविड जांच हेतु सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।इस दौरान टीबी रोगियों की खोज, और कुपोषित बच्चों की सूची भी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा बनाई जाएगी|