मृतक लाल बिहारी ने 67 वा जन्मदिन मनाया
आजमगढ़: मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सामाजिक कार्यकर्ता लाल बिहारी मृतक ने अपनी 50 वीं वर्षगांठ यानी कि स्वर्ण वैवाहिक वर्षगांठ को पूरा करते हुए अपने जन्मदिन पर मिठाइयां बांटते हुए मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि मेरे जैसे लाखों लाख भू राजस्व विभागों के धोखाधड़ी भ्रष्टाचार से पीड़ित तक जीवित मृतक भारत देश के राज्यों के कार्यालय न्यायालय में दर-दर भटक रहे हैं न्यायालय नायब तहसीलदार तहसील आजमगढ़ ने 30, 07 1976 को मृत घोषित कर दिया था लाल बिहारी मृतक ने आगे बताया कि मेरा पहला जन्म 6 मई 1955 का है और दूसरा पुनर्जन्म 30 जून 1994 का है दो बार जन्म और एक बार मृतक तहसीलदार ने कर दिया था आप सुनकर अचरज में पड़ जाएंगे हंसो मत सोचो आज अन्याय मेरे साथ कल अन्याय तेरे साथ सामाजिक न्याय मानव अधिकारों की रक्षा जीविकोपार्जन जीवन रक्षा संविधान और न्यायालय के सम्मान में अहिंसा पूर्वक विचारों की क्रांति अनु के संघर्षों से जन न्याय कल्याण हेतु जनहित में अनोखा संदेश देने का प्रयास किया जाता रहा है ताकि मानव मानवता के प्रति सोचने के लिए बाध्य हो सके पूर्व में कई हजार जीवित मृत को धोखाधड़ी भ्रष्टाचार से पीड़ितों को न्याय दिलाकर सामाजिक न्याय मानव अधिकारों की रक्षा किया गया चौथा स्तंभ इलेक्ट्रॉनिक प्रिंट मीडिया का आशीर्वाद सहयोग रहा है उन्होंने कहा कि जीवित को कागजी मृतक घोषित करने वाले दोषियों के खिलाफ आज तक कोई कानूनी कार्यवाही शासन प्रशासन द्वारा नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद हाई कोर्ट खंड पीठ लखनऊ में ₹25 करोड़ का।
हरजा खर्चा मानहानि का मुकदमा विचाराधीन है आज भी लाखों लाख धोखाधड़ी भ्रष्टाचार से पीड़ित और जीवित मृतक न्याय के लिए तड़प रहे हैं उनको न्याय दिलाना जन्मदिन मनाना मानवता का कर्म है सच कहूं तो फांसी देना झूठ कहूं तो जेल बिना सदस्य विधान सभा में बोलता रहा अकेला
बाइट लाल बिहारी मृतक