आज़मगढ़: परिजनों ने शासन से शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग

तस्वीर: एक चौदह साल के मासूम से बालक की,

जनपद आजमगढ़ के निजामाबाद का मूलनिवासी ये बच्चा अपने परिवार के साथ,गुजरात के कड़ी चतराल थाना क्षेत्र में रहता था। परिजनों ने बच्चे का भविष्य संवारने के लिए ,अच्छी तालीम दिलाने के वास्ते स्थानीय कॉन्वेंट स्कूल स्प्रिंगडेल हाई स्कूल में दाखिला कराया।दाखिले के वक्त शायद यही ख्याल रहा हों परिजनों को,कि बच्चा पढ़ लिख के उनके बुढ़ापे का सहाहबनेगा।लेकिन कहते हैं,कुम्हार अगर अच्छा कारीगर हो तो ,खराब मिट्टी को भी बेस्किमती बना देता,गुरु अगर अच्छी तालीम देना जानता हों तो, कमज़ोर से कमजोर छात्र आसमां की बुलंदियों को छू लेते हैं।काश! इस छोटे से मासूम बच्चे को भी कोई ऐसा गुरु मिला होता।जिस विद्यालय में यह बच्चा पढ़ता था। उसी विद्यालय की एक शिक्षिका रेणुका मंडन ने तथाकथित तौर पर बच्चे पर चोरी का आरोप लगा कर उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया।
मारा-पीटा, पुलिस के नाम की धमकियां दी।पूरे प्रकरण से 14 साल साल के इस बच्चे के अंदर कितना डर, भय की स्थिति उत्पन्न हो गई होगी ,शायद उसकी कल्पना हम और आप नहीं कर सकते। सहमें हुए इस बच्चे के ऊपर क्या बीत रहा होगा। इसकी कल्पना भी हम न कर पाए।
स्थिति ये हुई की बच्चा उसी दिन से विद्यालय से गायब हो गया, कहा गया, कैसे गया, कुछ पता नही चला, परिजन स्थानीय पुलिस से बच्चे को ढूढने का गुहार लगाएं, लेकिन पुलिस भी सिर्फ अपनी औपचारिकता पूरी करती रही।
30 दिन से ज्यादा हो चुके थे,बच्चे को गायब हुए, कहा हैं, कैसा है, किस हाल में होगा, ये सोच के परिजन भी बेसुध पड़ चुके थे।कही से खबर मिली, किसी नहर के पास एक कंकाल मिला हैं, रोते -बिलखते परिजनों ने कंकाल के पास से बरामद कपड़े से पहचान किया कि, वो कंकाल किसी और का नही वरन् उनके आंखों के तारा, उसी मासूम से बच्चे का है।परिजनों का रो-रो के बुरा हाल हो चुका,एक मां का लाल, अपने पिता का सहारा, एक बहन का छोटा भाई, इस दुनिया से विदा ले चुका था।उस बच्चे का अपराध सिर्फ इतना ही रहा होगा कि, शायद किसी की पेंसिल या नोटबुक ले लिया हों, लेकिन उसे ऐसे प्रताड़ित करना, बेहद ही निंदनीय और दुखद हैं।वो बच्चा तो चला गया, लेकिन ऐसे बहुत से बच्चे होंगे जो शायद ऐसी प्रताड़ना से डर बस, गलत कदम उठा लेते होंगे।जिम्मेदारी हमारी हैं की हम उन्हे एक ऐसा माहौल दें की ऐसे प्रशिक्षित करें कि वे कभी भी ऐसा कदम उठाने का विचार न करें।और ऐसे शिक्षक और शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करें जिससे की भविष्य में किसी मां की गोद सूनी न हों।

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