रिपोर्ट पदमाकर पाठक
” मन अर्थात् चित्त की वृत्तियों का सर्वथा रुक जाना योग है “।
आजमगढ़।वेदांता इंटरनेशनल स्कूल में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया।इस अवसर पर करीब शिक्षक शिक्षिकाएं, छात्र- छात्राओं, अभिभावक एवं शिक्षेनेत्तर सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर योग से शारीरिक एवं मानसिक लाभ इसकी उपयोगिता योग द्वारा रोगों पर लाभ योग का जीवन पर महत्व जैसे विषयों पर जानकारी दी गयी।इंटरनेशनल योगा डे को वर्ल्ड योगा डे भी कहा जाता है। पहली बार यह 21 जून 2015 को मनाया गया था।इसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग से संबंधित एक प्रभावशाली भाषण के साथ रखी गई थी।उसी के बाद इसे 21 पर जून इसे इंटरनेशनल योगा डे घोषित किया गया था।आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए योग के प्रोटोकॉल में शामिल योग के सभी अंगों का अभ्यास आये हुए सभी लोगों को करवाया गया।जिसमे सूक्षम व्यायाम, ताड़ आसान, त्रिकोणासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधआसान, अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम जैसे योग अभ्यास शामिल थे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रौशन, एकेडमिक निर्देशक आर एस शर्मा, योग शिक्षक आलोक चतुर्वेदी आदि ने बारी बारी से एक्सरसाइज, योगिग जोगिंग, आसान एवम् प्राणायाम करवाएं एवम् उनसे होने वाले भिन्न भिन्न लाभों को भी बताए जिसके माध्यम से सुन्दर स्वास्थ्य, निरोगी काया एवम् दीर्घायु को प्राप्त किया जा सकता है। “व्यायामं कुर्वतो नित्यं विरुद्धमपि भोजनम्।विदग्धमविदग्धं वा निर्दोषं परिपच्यते” तत्पश्चात् विद्यालय के प्रबन्धक निदेशक शिव गोविंद सिंह ने इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग की महात्म्य को इससे मिलने वाले फ़ायदे को को पुनः उपस्थित सबों से सांझा किया और कहा कि स्वास्थ्य रहने का केवल एक ही विकल्प है वह है योग अर्थात करें योग रहें निरोग।इस योग सभा में उजाला गुप्ता, सोनम सिंह, अर्चाना श्रीवास्तव, रीना यादव, अनिता सिंह, शशांक राय, चंदन राय, फहीम अहमद, इंद्रजीत साहनी, नीलम चौहान, प्रभाकर सिंह, सीमा उपाध्याय एवम् अजय श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।