जरूरतमंद की सेवा करना ही सच्ची राजनीति – किसन भईया जिला महामंत्री भाजपा युवा मोर्चा
आजमगढ़। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार भ्रमण कर रहे किशन भईया जिला महामंत्री भाजपा युवा मोर्चा आजमगढ़ ने बताया की राजनीति सत्ता पाने का अवसर नहीं बल्कि सेवा करने का सर्वोत्तम माध्यम है। धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है। जब कोई साथी मित्र मुझे नेता कहता है या कोई मेरे द्वारा किए गए कार्यों को मुझसे चर्चा करते हुवे मेरे मुंह पर तारीफ करने लगता तो मैं असहज महसूस करने लगता हु।मुझे इन सब चीजों की आदत नही और ना तो मुझे नेता बनना है, क्योंकी मेरा सपना नेता बनना है ही नही मुझे कार्य करना है और जो समाज के लिए राष्ट्र के लिए कार्य करता वह कार्यकर्ता कहलाता हैं। एक और बात मैं अपने स्वभाव को नही बदल सकता मैं रजनीति में नया हूं। रजनीति करने के लिए मैं अपने स्वयं के भाव को किसी भी कीमत पर नहीं बदलूंगा। मैं सामाजिक कार्यकर्ता था और रहूंगा। धरातल पर बदलाव लाने के लिए राजनीति सबसे सशक्त माध्यम है।राजनीति के द्वारा हम समाज के दबे-कुचले लोगों और उपेक्षित समुदायों को ऊपर उठाते हुए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने का भरसक प्रयास कर सकते है। एक व्यापक बदलाव लाने का जो कार्य बड़े से बड़े वेतन वाली प्रतिष्ठित नौकरी करके भी नहीं किया जा सकता है उसे राजनीति के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है। राजनीति हमें सामाजिक न्याय के ऐसे बदलाव का सजग प्रहरी बना सकती है जो समस्त मानव जाति के कल्याण के लिए अत्यन्त आवश्यक है।भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष निखिल राय ने मुझे अवसर दिया है और आज निखिल राय के नेतृत्व में श्री कृष्ण किशन भईया ने मजगावा जो की पूर्ण रूप से बाढ़ प्रभावित है आज वहा के लोगो के बीच रहकर उनके सहयोगी मित्र की भूमिका निभाने कार्य किया और नाव और नाविक की व्यव्स्था की गई जिससे गांव के लोगो को सहूलियत मिल सके। नाव और नाविक मिलने के उपरांत मजगावा ग्रामसभा वासी श्री कृष्ण किशन भईया और निखिल राय को धन्यवाद दिया।इस विषय में श्री कृष्ण किशन भईया ने कहा कि
इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजनीति के क्षेत्र में किया जाने वाला संघर्ष बिल्कुल वैसा ही है, जैसा हीरा चमकाने के लिए एक जौहरी को करना पड़ता है. इस संघर्ष के साथ ही यह आवश्यक होता है कि मन में समर्पण एवं विशुद्ध सेवा की भावना रखते हुए ही, समता के मौलिक अधिकार को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा जाए. जब भी राजनीति में एक व्यक्ति की कीमत, मात्र एक वोट के आधार पर तय होने लगती है तो राजनीति पथभ्रष्ट एवं दिग्भ्रमित हो जाती है। सामाजिक सरोकार के अपने मूल उद्देश्य से हटते ही राजनीति मात्र वोट बटोरने का एक साधन बनकर रह जाती है और विभाजन एवं विद्वेष करने लगती है। ऐसे में ये सेवा करने का माध्यम न रहकर सत्ता पाने का अवसर मात्र रह जाती है।सत्ता पाने का अवसर बनते ही राजनीति समान रूप में सभी नागरिकों को लाभ नहीं दे पाती है और इसके दुष्प्रभाव समाज और राष्ट्र के हितों पर पड़ने लगते हैं। इसलिए मैं किशन सिंह एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं और हमेशा रहूंगा।