आजमगढ़| उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों के कारण आखिरकार आज 102 और 108 एंबुलेंस ठप होकर सड़कों पर खड़ी हो गई हैं जी हाँ आपको बता दें कि इन दिनों उत्तर प्रदेश सरकार ने लगातार निजी कंपनियों को टेंडर देना बड़ी बहादुरी का काम मान रही हैं इसी टेंडर प्रतिक्रिया को लेकर एम्बुलेंस संचालित कर रही पुरानी कंपनियों का टेंडर रदद् कर दिया गया और नई कम्पनी को उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने टेंडर दे दिया लेकिन यूपी के महान सरकार ने एक बार भी यह नहीं सोचा कि अचानक टेंडर रद्द करने से आम जनमानस समेत एंबुलेंस संचालित कर रहे कर्मचारियों के ऊपर कितनी परेशानियां आ जाएंगी ऐसा करने से पहले तो उत्तर प्रदेश की जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही सबसे बड़ी बात रही है की तीन वर्ष सेवा देने के बाद भी टेंडर मिले नई कंपनी द्वारा पुराने कर्मचारियों से ₹20000 की डीडी मांगी जा रही है और वेतन भी पहले से कम दिया जा रहा है लेकिन शायद उत्तर प्रदेश सरकार या भूल गई कि इन्हीं कोरोना काल में एंबुलेंस कर्मचारियों ने कोरोना महामारी के समय अपनी जान को हथेली पर रखकर लोगों की जान बचाने का काम किया और लगातार अपनी सेवा देते रहे कई कर्मचारियों ने संक्रमण से अपनी जान भी गवा दी लेकिन सरकार संवेदनहीन तरीके से टेंडर पास करने में लगी है आखिर क्या मजबूरी थी कि सरकार को फिर से एक दूसरी कंपनी को टेंडर देना पड़ा , सबसे बड़ा सवाल यह है कि एंबुलेंस एक जीवनदायिनी सेवा है जो लोगों के बीच से सीधी जुड़ी हुई है किसी भी इमरजेंसी के समय एंबुलेंस गरीब तबके के लोगों की सहायता करती है और उन्हें अस्पताल तक पहुंचा कर उनका जीवन बचाती है लेकिन इन कर्मचारियों के साथ ऐसा व्यवहार करके सरकार की अच्छी नीति को नहीं दर्शाती और अब एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर हैं और एंबुलेंस को सड़कों पर खड़ा कर दिया गया है और शांतिपूर्ण ढंग से एंबुलेंस कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं यह धरना पूरे प्रदेश में चल रहा है लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक किसी भी तरह की पहल नहीं की गई न ही इन कर्मचारियों से कोई बात की गई है जिससे सरकार की मन्सा साफ नजर आ रही है कि सरकार इन मुद्दों पर जनता से कोई भी संवेदना नहीं रखती है कोरोनावायरस का सर्टिफिकेट तो सरकार ने इन एंबुलेंस कर्मियों को दिया लेकिन इन एंबुलेंस कर्मियों को निकाल कर नई कंपनी को टेंडर दे सरकार ने अपनी मंशा को जाहिर कर दिया कि सरकार किसी भी व्यक्ति या कर्मचारी के साथ कोई संवेदना नहीं रखती सरकार को केवल निजी कंपनियों को फायदा दिलाने से मतलब है अब सुनिए कि किस तरह से कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है और तंग आकर कर्मचारी किस तरह का आंदोलन कररहे हैं|
बाईट- राजीव शर्मा
ब्यूरो रिपोर्ट आजमगढ़