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आजमगढ़।आप के प्रत्याशी शिवगोविन्द का सरेंडर:
टिकट मिलने के आठ दिन के भीतर ही छोड़ा आप का दामन, आप जिलाध्यक्ष बोले रात को ही काट दिया था टिकट।
आजमगढ़। जिले में भाजपा के पदाधिकारी रहे शिवगोविन्द को आप ने बताया था प्रत्याशी, आठ दिन में वापस लौटे पुराने घर।
आजमगढ़।जिले में भाजपा के पदाधिकारी रहे शिवगोविन्द को आप ने बताया था प्रत्याशी, आठ दिन में वापस लौटे पुराने घर।
आजमगढ़ जिले की सदर सीट से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए शिवगोविन्द सिंह ने आठ दिन में ही सरेंडर कर भाजपा में वापसी कर ली। एक फरवरी को शिवगोविन्द सिंह को आम आदमी पार्टी ने जिले की सदर विधानसभा से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। टिकट घोषित होने के आठवें दिन पुन: शिव गोविन्द आप छोड़कर अपने पुराने घर भाजपा में लौट आए। भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह की परछाईं की रूप में जाने जाने वाले शिवगोविन्द की यह चाल समझ से परे है। शिवगोविन्द के आप में जाने व उन पर कोई कार्रवाई न किए जाने को लेकर पार्टी में भी दबी जुबान विरोध के स्वर उठ रहे थे।
आप को बताया था सिद्धांतवादी
भाजपा के पदाधिकारी रहे शिवगोविन्द सिंह ने एक फरवरी को कहा था कि आम आदमी पार्टी की रीति-नीति व सिद्धांत भाजपा से ज्यादा अच्छा है। यही कारण है कि इस पार्टी से चुनाव लड़ने जा रहा हूं। शिवगोविन्द का कहना है कि आप दिल्ली में अच्छा काम कर रही है। पूरे प्रदेश में लगातार पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है। ऐसे में उम्मीद है की यूपी में भी अच्छा काम होगा और यही कारण है कि बड़ी संख्या में लोग पार्टी में लगातार जुड़ रहे हैं। आज जब आप छोड़ रहे तो उस समय सुर बदलते नजर आए। शिवगोविन्द का कहना है कि हमें नहीं लगता है कि यूपी में आप आने वाली है। भाजपा के राज में अपराध लगातार घट रहे हैं, अपराधी व्हीलचेयर पर नजर आने लगे हैं, इसी कारण अपने पुराने घर लौट आया।
पार्टी की तरफ से नहीं हुई अनुशासनात्मक कार्रवाई।
भाजपा के शैक्षणिक संस्थान के सह संयोजक शिवगोविन्द भले ही आठ दिन में आम आदमी छोड़कर पुन: भाजपा में वापस आ गए। ऐसा कृत्य अनुशासनहीनता की परिधि में आता है। ऐसे में सवाल उठता है कि शिवगोविन्द पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। यह समझ से परे है।
आप बोली कमजोर आदमी हैं शिवगोविन्द सिंह।
आप के जिलाध्यक्ष रविन्द्र यादव का कहना है कि शिवगोविन्द बहुत कमजोर दिल के आदमी हैं। पार्टी ने उन्हें टिकट दे दिया था पर निष्क्रिय पड़े थे। दो दिन पूर्व उन्हें चेतावनी दी गई थी। अभी तक वह एक दिन भी क्षेत्र में नहीं निकले। इसी को देखते हुए सोमवार को देर शाम उनका टिकट काट दिया गया। जिलाध्यक्ष का कहना है कि आप में आना आसान है जाना उससे भी ज्यादा आसान है पर पार्टी में बने रहना कलेजे की बात है।