आज़मगढ़:आजमगढ़।राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में एक दिवसीय शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

आजमगढ़।राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में एक दिवसीय शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन

शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन की हठधर्मिता व वादाखिलाफी के विरुद्ध जारी प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे चरण में जिला मुख्यालय आजमगढ़ समेत प्रदेश के समस्त जिला/परियोजना मुख्यालयों के समक्ष एक दिवसीय विरोध प्रदर्शन उपरांत सौंपा गया ज्ञापन।आंदोलन के तीसरे चरण में दिनांक 25.10.2021 को प्रदेश के हज़ारों तकनीकी कर्मचारी करेंगें शक्ति भवन मुख्यालय का घेराव।संघ द्वारा पूर्व में जारी प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप व आश्वसन के उपरांत लिया गया था वापिस।ऊर्जा प्रबन्धन से औद्योगिक अशांति के विरुद्ध वार्ता से समाधान की नीति पर विचार किये जाने की अपील।

आज 18 अक्टूबर को समस्त ऊर्जा निगमों के अंतर्गत तैनात टैक्नीशियन (टी.जी.2) कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले एकमात्र कैडर संघ – राज्य विद्युत परिषद प्राविधिक कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश द्वारा शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन के तानाशाही रवैये व अन्यायपूर्ण नीति के विरोध में पूर्व प्रस्तावित 8 चरणों के प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन की नोटिस के अनुसार द्वितीय चरण आंदोलन में जिला/परियोजना मुख्यालय आजमगढ़ समेत प्रदेश के समस्त जिला/परियोजना मुख्यालयों के समक्ष कोविड-19 की रोकथाम व बचाव हेतु शासन/प्रशासन स्तर से जारी समस्त दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए एक दिवसीय शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन उपरांत टैक्नीशियन कर्मियों की जायज व मूलभूत मांगों/ समस्याओं के निवारण किये जाने सम्बन्धी अध्यक्ष उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. की संबोधित ज्ञापन मुख्य अभियन्ता के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।
संघ के जिलाध्यक्ष राज विजय यादव ने बताया कि संघ विगत एक वर्ष से प्रदेश के टैक्नीशियन कर्मियों की मूलभूत मांगों व समस्याओं के समाधान हेतु प्रयासरत है जिसके क्रम में माह फरवरी से प्रांतव्यापी चरणबद्ध आंदोलन प्रारम्भ किया गया था, जिसके सप्तम चरण उपरान्त माननीय ऊर्जा मंत्री द्वारा हस्तक्षेप किये जाने व समस्त समस्याओं का समाधान कराये जाने के आश्वासन दिए जाने के उपरांत आंदोलन स्थगित किया गया था। उन्होंने बताया कि आंदोलन स्थागन के पश्चात दो बार प्रबन्ध निदेशक उप्र पावर कारपोरेशन लि. की अध्यक्षता में ऊर्जा प्रबन्धन व संघ प्रतिनिधि मंडल के मध्य दिनांक 03.04.2117.08.21 को द्विपक्षीय वार्ताओं में संवर्ग की समस्याओं/ मांगों के सम्बंध में आम सहमति भी बनी थी।
संघ के ज़िला पदाधिकारी नीरज त्रिपाठी ने बताया कि शासन स्तर पर भी 29.07.21, 12.08.2105.09.21 को अपर मुख्य सचिव ऊर्जा के साथ संघ प्रतिनिधियों की सम्पन्न वार्ताओं में भी उक्त मांगों/ समस्याओं के समाधान के सम्बंध में आम सहमति बनी थी, किन्तु प्रबंधन शासन की मंशा के विरुद्ध ऊर्जा क्षेत्र में औद्योगिक अशांति को उतपन्न कर रहा है। इससे पूर्व दिनांक 24.08.2019 की प्रबंधन से वार्ता एवं समझौता भी 02 वर्षो से लम्बित ही है और सहमती के अनुसार प्रबंधन कार्यवाही नहीं कर रहा है।उन्होंने बताया कि ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा बिना समुचित संसाधन व प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित किये तकनीकी कर्मियों पर अन्य संवर्गों के कर्मियों का कार्यभार व दायित्वों को थोपा जा रहा है जोकि कदापि न्यायसंगत नहीं है।संघ के जिला पदाधिकारी रविशंकर गुप्ता ने बताया कि शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा लगातार अपने तकनीकी कर्मियों की जायज मांगों व समस्याओं के प्रति उदासीनता दिखाई जा रही है।उनका कहना था कि प्रबन्धन का इस प्रकार का रवैया न तो कर्मचारी हित में है, न ही उद्योग हित में है और न ही प्रदेश हित में है।
जिलासचिव राजेश कुमार ने बताया कि प्रबन्धन की हठधर्मिता व अन्यायपूर्ण नीति के कारण संवर्ग में अत्यंत रोष व्याप्त है। उन्होंने बताया कि संघ सदैव शांतिपूर्ण रूप से द्विपक्षीय वार्ता के माध्यम से संवर्ग की जायज मांगों/ समस्याओं का निवारण चाहता है।परंतु प्रबंधन द्वारा विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं उपरांत उनके द्वारा कार्यवृतों का क्रियान्वयन किये जाने की बजाय साल भर से परीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि शीघ्र ही ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अपनी हठधर्मिता छोड़कर पूर्व में बनी सहमति के अनुसार परिणामी आदेश जारी नहीं किये जाते हैं तो आंदोलन के अग्रिम चरणों/कार्यक्रमों का आयोजित किया जाना संघ की बाध्यता होगी जिसके फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की औद्योगिक अशांति व टकराव की स्थिति के लिए सिर्फ और सिर्फ शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन ही उत्तरदायी होगा। उन्होंने बातया कि पूर्व प्रस्तावित आंदोलन कार्यक्रम के अनुसार प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन के अग्रिम तीसरे चरण में प्रदेश के हज़ारों तकनीकी कर्मियों द्वारा दिनांक 25 अक्टूबर 2021 को समस्त ऊर्जा निगमों के मुख्यालय शक्ति भवन लखनऊ का घेराव किया जाएगा। उक्त आंदोलन कार्यक्रम में प्रातः10 बजे से सायं 05 बजे तक एक दिवसीय शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाना प्रस्तावित है।

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